अपडेटेड 18 August 2025 at 21:35 IST

Mangalwaar ke Upay: मंगलवार की सुबह हनुमान जी को जरूर चढ़ाएं ये एक चीज, जीवन में आ रही बाधाएं हो सकती है दूर

Mangalwaar ke Upay: हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि अगर किसी जातक की कुंडली में मंगलदोष है तो इस दिन कुछ ऐसे उपाय हैं। जिसे करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में मंगलवार को सुबह हुमान जी को एक ऐसी चीज को चढ़ाने के बारे में जानेंगे। जिससे जीवन में आ रही सभी समस्याएं दूर हो सकती है।

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Mangalwaar ke Upay: हिंदू धर्म में मंगलवार का दिन भगवान हनुमान जी को समर्पित है। इस दिन अगर पूरी श्रद्धा से हनुमान जी की पूजा की जाए तो जीवन में आ रही परेशानियां,रुकावटें और संकट दूर हो सकते हैं। अब ऐसे में आइए इस लेख में हम आपको मंगलवार के दिन सुबह एक उपाय करने के बारे में बताएंगे। जिससे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं और भाग्योदय हो सकता है।

मंगलवार की सुबह जरूर करें ये उपाय 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि हनुमान जी सबसे शीघ्र प्रसन्न होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी जातक के जीवन में कोई भी बड़ी समस्या आ रही है तो मंगलवार के दिन सुबह हनुमान मंदिर जाएं और उन्हें चमेली के तेल में नारंगी सिंदूर डालकर चढ़ा दें। इसे बेहद शुभ फलदायी माना जाता है। इससे हनुमान जी व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और अगर अगर किसी जातक के जीवन में किनी भी कठिन परिस्थिति हो तो इससे लाभ हो सकता है। आप इस उपाय को लगातार 11 दिन कर करें। इतना ही नहीं, आप मंगलवार की शाम को भी यह उपाय कर सकते हैं, लेकिन चमेली का तेल और नारंगी सिंदूर पीपल के पेड़ में अर्पित करें। इससे लाभ हो सकता है। 

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हनुमान जी चमेली-सिंदूर च़ढ़ाने के दौरान करें इन मंत्रों का जाप? 

अगर आप हनुमान जी को चमेली-सिंदूर चढ़ा रहे हैं तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप उनके मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। इससे सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है और कुंडली में स्थितड मंगलदोष से भी छुटकारा मिल सकता है। 
ॐ हं हनुमते नमः
ॐ नमो भगवते आंजनेयाय महाबलाय स्वाहा:
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्:
ॐ नमो भगवते हनुमते नमः:
ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय, सर्वरोगहराय, सर्ववशीकरणाय, रामदूताय स्वाहा:
मनोजवं मारुततुल्यवेगं, जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं, श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥:
ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा:
संकट कटे, मिटे सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा:
ॐ भूर्भुवः स्वः दीपस्थदेवतायै नमः आवाहयामि सर्वोपचारार्थे गन्धाक्षतपुष्पाणि समर्पयामि नमस्करोमि।
अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्

 

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 18 August 2025 at 21:35 IST