अपडेटेड 26 December 2025 at 08:25 IST

Makar Sankranti Kab Hai 2026 : 14 या 15 जनवरी कब मनाई जाएगी मकर संक्रांति? जानें स्नान और दान का शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti Kab Hai 2026: हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को बेहद सौभाग्यशाली माना जाता है। वहीं यह पर्व कब मनाया जाएगा और स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Makar Sankranti Kab Hai 2026 | Image: Freepik

Makar Sankranti Kab Hai 2026 : हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का त्योहार बेहद खास माना जाता है। जब सूर्य देव धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, तो इस खगोलीय घटना को 'मकर संक्रांति' कहा जाता है। उत्तर भारत में इसे खिचड़ी, पंजाब में लोहड़ी और दक्षिण भारत में पोंगल के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

अक्सर मन में सवाल उठता है कि मकर संक्रांति 14 या 15 जनवरी कब मनाई जाएगी? साथ ही स्नान-दान का शुभ मुहूर्त और महत्व क्या है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

मकर संक्रांति की तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है? 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, मकर संक्रांति की तिथि सूर्य के मकर राशि में प्रवेश पर निर्भर करती है। बता दें, मकर संक्रांति की तिथि को लेकर अक्सर उलझन बनी रहती है, लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार इस वर्ष की स्थिति पूरी तरह स्पष्ट है। इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा, जबकि इससे जुड़े पुण्य काल के काम जैसे कि स्नान और दान 15 जनवरी को किया जाएगा। 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति का मुख्य फल तभी मिलता है जब पुण्य कार्य पुण्यकाल में किए जाएं। इस साल सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की शाम को हो रहा है। शास्त्रों के अनुसार, यदि संक्रांति सूर्यास्त के आसपास या उसके बाद हो, तो उसका पुण्यकाल अगले दिन के सूर्योदय तक चला जाता है। चूंकि 14 तारीख की शाम को पुण्यकाल उपलब्ध नहीं है, इसलिए 15 जनवरी को स्नान-दान के लिए श्रेष्ठ समय माना गया है।

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मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान का शुभ मुहूर्त क्या है? 

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, संक्रांति के समय पुण्य काल और महापुण्य काल का विशेष महत्व होता है। इस अवधि में किए गए कार्यों का फल अनंत गुना बढ़ जाता है।

  • मकर संक्रांति पुण्य काल- सुबह 07:15 से लेकर शाम 05 बजकर 46 मिनट तक
  • महापुण्य काल - सुबह 07 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 09 बजे तक 
    शास्त्रों की मान्यता है कि महापुण्य काल में पवित्र नदियों में स्नान बेहद शुभ माना गया है। इस दौरान आप स्नान-दान जरूर करें।

मकर संक्रांति का महत्व क्या है? 

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार,इस दिन गंगा स्नान और दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान सूर्य अपने पुत्र शनि से मिलने उनके घर गए थे, जो पिता-पुत्र के प्रेम का प्रतीक है। साथ ही, भीष्म पितामह ने अपनी देह त्यागने के लिए उत्तरायण का ही चयन किया था, क्योंकि इस काल में मृत्यु को मोक्षदायी माना जाता है।

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 26 December 2025 at 08:25 IST