अपडेटेड 6 December 2024 at 21:05 IST

द्रौपदी के पुत्र ने जब उनका नहीं किया सम्मान, तो छोटा जीवन जीने का मिला श्राप, पढ़ें रोचक कथा

द्रौपदी ने घटोत्कच को कम जीवन जीने का श्राप दिया। यही कारण था कि उनकी मृत्यु जल्दी हो गई। ऐसे में इसके पीछे के कारण के बारे में पता होना जरूरी है।

mahabharat story in hindi | Image: freepik ai

महाभारत काल में कई ऐसे किस्से हैं जो दिलचस्प हैं, उन्हीं किस्सों में से एक है द्रौपदी और उनके पुत्र घटोत्कच का। जी हां वैसे तो घटोत्कच उनके अपने पुत्र नहीं थे वह भीम और हिडिंबा के पुत्र थे लेकिन भीम की पत्नी होने के नाते घटोत्कच उनके भी पुत्र कहलाते थे। बता दें कि घटोत्कच विशालकाय शरीर और बेहद ही शक्तिशाली थे। लेकिन माता द्रौपदी के कारण वह महाभारत के युद्ध का हिस्सा नहीं बन पाए। कहते हैं कि वह अकेले ही पूरा युद्ध खत्म कर देते हैं। ऐसे में द्रोपदी ने घटोत्कच को क्यों दिया श्राप, इसके बारे में पता होना जरूरी है।

आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि द्रौपदी ने घटोत्कच को क्यों श्राप दिया। पढ़ते हैं आगे...

द्रौपदी ने घटोत्कच को क्यों दिया श्राप?

बता दें कि घटोत्कच का विवाह दैत्यराज मुरा की बेटी अहिलावती से हुआ था, जिनके साथ घटोत्कच के दो पुत्र हुए- अंजनपर्वा और बर्बरीक। बर्बरीक को आज खाटू श्याम के नाम से जाना जाता है। घटोत्कच पहली बार अपने पिता भीम से मिलने आए। लेकिन घटोत्कच की मां हिडिंबा ने कहा कि वह द्रौपदी का कोई सम्मान या आदर ना करें। जब द्रोपदी को इस बात का महसूस हुआ तो द्रौपदी ने घटोत्कच को श्राप दिया कि वह एक विशिष्ट स्त्री और पांडवों की पत्नी हैं। 

साथ ही पांचाल देश के ब्राह्मण राजा द्रुपद की बेटी हैं। ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा पांडवों से ज्यादा है। द्रौपदी ने कहा कि तुमने अपनी मां के कहने पर मेरा अपमान किया है ऐसे में तुम्हारी आयु सीमा बेहद ही कम होगी और तुम बिना किसी युद्ध के मर जाओगे। इसी श्राप के चलते घटोत्कच पर इंद्र के अमोघ अस्त्र चलने के कारण मृत्यु हो गई। ये अस्त्र कर्ण द्वारा चलाया गया जो कि अर्जुन के लिए था ना कि घटोत्कच के लिए।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 6 December 2024 at 21:05 IST