अपडेटेड 1 February 2025 at 07:54 IST

Ganesh Jayanti 2025: गणेश जयंती आज? जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा में जरूर पढ़ें ये आरती, तभी मिलेगी बप्पा की कृपा

Maghi Ganesh Jayanti 2025: माघ माह की गणेश जयंती आज मनाई जा रही है। आइए यहां जानते हैं आज के दिन के पूजा मुहूर्त के बारे में।

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गणेश जयंती 2025 | Image: Unsplash

Maghi Ganesh Jayanti 2025: हिंदू धर्म में भगवान गणेश को विशेष स्थान प्राप्त है। हर शुभ व मांगलिक कार्य को करने से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। वहीं, पंचांग के अनुसार हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है जो कि आज यानी शनिवार, 1 फरवरी को मनाई जा रही है। माघ महीने में पड़ने के कारण इसे माघी गणेश जयंती (Ganesh Jayanti 2025) भी कहा जाता है।

यह पर्व असल में भगवन गणेश के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन साधक विधि-विधान से गणेश जी की आराधना कर सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए उनसे प्रार्थना करते हैं। आइए जानते हैं कि आज के दिन आप किस शुभ मुहूर्त में गणपति बप्पा की पूजा कर सकते हैं।

गणेश जयंती शुभ मुहूर्त (Ganesh Jayanti shubh muhurat)

माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 01 फरवरी को सुबह 11 बजकर 38 मिनट पर हो रही है। जिसका समापन 02 फरवरी को सुबह 09 बजकर 14 मिनट पर होगा। ऐसे में गणेश जयंती शनिवार यानी आज 01 फरवरी के दिन मनाई जा रही है। वहीं मुहूर्त की बात करें तो मध्याह्न गणेश पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 38 मिनट से दोपहर 01 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इस समय आप गणेश जी की पूजा कर सकते हैं।

गणेश आरती (Ganesh Aarti)

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी।
माथे सिंदूर सोहे, मूषक की सवारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े, फल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डू का भोग लगे, संत करें सेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

अंधों को आंख देत, कोढ़ियों को काया।
बांझों को पुत्र देत, निर्धन को माया॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

'सूर' श्याम शरण आए, सफल कीजे सेवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

दीनों की लाज रखो, शंभु के सुतकारी।
कामना को पूर्ण करो, जाऊं बलिहारी॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥

भगवान गणेश की जय, पार्वती के लल्ला की जय।

आरती के बाद इस मंत्र का जप करें (Ganesh ji ke mantra)

वर्णानामर्थसंघानां रसानां छन्दसामपि।
मंगलानां च कर्त्तारौ वन्दे वाणीविनायकौ॥1॥

गजाननं भूत गणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्,
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥

श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये।
वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥

ॐ गं गणपतये नमः॥
ॐ वक्रतुण्डाय हुम्॥

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 1 February 2025 at 07:54 IST