अपडेटेड 30 December 2025 at 07:57 IST
Magh Month 2026 : कब से शुरू होगा माघ महीना? जानें पूजा का महत्व और नियम
Magh Month Kab Hai 2026: हिंदू धर्म में माघ का महीने बेहद शुभ और भाग्यशाली माना गया है। इस माह में श्रीहरि क पूजा, साधना, जप-तप करने का विधान है। अब ऐसे में माघ का महीना कब से शुरू हो रहा है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
Magh Month Kab Hai 2026: सनातन धर्म में हर महीने को शुभ माना जाता है। वहीं अगर आप जप-तप और साधना करना चाहते हैं तो माघ का महीना उत्तम फलदायी माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माघ महीने में संगम तट पर माघ मेला लगता है। इस पावन महीने में सभी देवतागण पृथ्वी लोक पर आते हैं संगम के पवित्र जल में स्नान करते हैं। इसलिए इस पावन महीने में जप, तप और कल्पवास करना पुण्य माना गया है।
इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। अब ऐसे में साल 2026 में कब से माघ का महीना शुरू हो रहा है और पूजा के नियम और महत्व क्या है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
कब से शुरू होगा माघ का महीना?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, 2026 में माघ महीने की शुरुआत 4 जनवरी 2026 से होगी। यह महीना 1 फरवरी 2026 तक चलेगा। वहीं प्रयागराज में लगने वाले माघ मेले की शुरुआत पौष पूर्णिमा के स्नान के साथ 3 जनवरी 2026 से ही हो जाएगी। यदि आप किसी कारणवश पूरे माघ के महीने में प्रयागराज में संगम स्नान न कर सकें तो आप घर में नहाने के पानी में गंगाजल डालकर नहा सकते हैं।
माघ महीने में पूजा करने का महत्व
हिन्दू धर्म और पंचांग के अनुसार, माघ मास को अत्यंत पवित्र और आध्यात्मिक रूप से फलदायी माना गया है। इसे "माधव मास" भी कहा जाता है यानी कि ये महीने में साक्षात भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है। सूर्य के उत्तरायण होने के कारण माघ में सूर्य देव को अर्घ्य देने और उनकी उपासना करने से स्वास्थ्य, तेज और आत्मविश्वास बढ़ता है।
शास्त्रों के अनुसार, माघ मास में ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी जैसे कि गंगा, यमुना या संगम में स्नान करना करोड़ों यज्ञों के फल के बराबर माना गया है। धार्मिक मान्यता है कि माघ के महीने में किए गए जप, तप और दान से जाने-अनजाने में किए गए पाप कट जाते हैं। विशेष रूप से तिल, गुड़ और कंबल का दान इस महीने में अत्यंत शुभ माना गया है।
माघ महीने में पूजा करने के नियम क्या है?
- इस पूरे महीने श्री हरि विष्णु और उनके अवतार भगवान कृष्ण की पूजा मुख्य है। उन्हें रोजाना पीले फूल, तिल और तुलसी दल अर्पित करें।
- सूर्य को तांबे के लोटे से अर्घ्य देना बहुत शुभ होता है। अर्घ्य के जल में रोली और तिल अवश्य डालें।
- शाम के समय तुलसी के पास घी का दीपक जलाएं और परिक्रमा करें।
- शास्त्रों के अनुसार माघ मास में मूली का सेवन वर्जित माना गया है।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 30 December 2025 at 07:49 IST