अपडेटेड 16 August 2025 at 13:16 IST

Krishna Janmashtami Paran Vidhi And Time: बिना पारण जन्माष्टमी व्रत है अधूरा, जानें पारण करने का सही समय और विधि

Krishna Janmashtami Paran Vidhi And Time:हिंदू धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी व्रत के साथ-साथ व्रत पारण का भी विशेष महत्व है। अब ऐसे में जो भक्त व्रत रख रहे हैं, वह पारण जरूर करें। आइए इस लेख में पारण मुहूर्त और विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं।

Krishna Janmashtami Paran Vidhi And Time | Image: Shutterstock

Krishna Janmashtami Paran Vidhi And Time: सनातन धर्म में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्साह पूरे विश्व में देखने को मिल रहा है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि कान्हा की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख-समृद्धि और शांति का आगमन होता है। वैसे तो इस दिन निर्जला व्रत रखा जाता है, लेकिन आप फलाहार व्रत भी रख सकते हैं। इस दिन व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। अब ऐसे में इस दिन जो जातक व्रत रख रहे हैं, वह व्रत का पारण जरूर करें। क्योंकि बिनबा पारण के व्रत अधूरी मानी जाती है। आइए इस लेख में विस्तार से जन्माष्टमी व्रत का मुहूर्त और महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।

जन्माष्टमी व्रत का पारण कब करें?

शास्त्रों के अनुसार जन्माष्टमी व्रत का पारण अष्टमी तिथि के समाप्त होने के बाद करना शुभ माना जाता है। वहीं जन्माष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त देर रात 12 बजकर 47 मिनट तक ही है। आप इसके बाद व्रत का पारण कर सकते हैं।

वहीं कुछ जातक रोहिणी नक्षत्र के समाप्त होने के बाद व्रत खोलते हैं। इसलिए आप 17 अगस्त को सुबह 04 बजकर 38 मिनट से लेकर सुबह 03 बजकर 17 मिनट तक के बीच में व्रत का पारण कर सकते हैं।

जन्माष्टमी व्रत का पारण किस विधि से करें?

  • आप जन्माष्टमी का पारण करने से पहले भगवान लड्डू गोपाल की पूजा करें और उन्हें भोग लगाएं।
  • आप लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री, पंजीरी और फल का भोग लगाएं।
  • उसके बाद आप प्रसाद ग्रहण करने के साथ व्रत का पारण कर सकते हैं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि आप सात्विक सेवन ही करें।

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  • व्रत खोलने के बाद आप अपनी क्षमता के अनुसार दान-पुण्य करें।
  • पारण करने के दौरान आप भगवान श्रीकृष्ण के मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें।

जन्माष्टमी व्रत का पारण करने का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसी मान्यता है कि जन्माष्टमी व्रत का पारण करने से भक्तों को आत्मिक शांति मिलती है। ऐसा कहा जाता है कि पारण सुख-सौभाग्य का कारक माना जाता है। इसलिए जो व्यक्ति इस दिन व्रत का पारण करता है। उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती है।

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 16 August 2025 at 13:16 IST