अपडेटेड 15 July 2024 at 19:06 IST

Khatu Shyam: खाटू श्याम को शीश दानी क्यों कहते हैं? पेड़ पर टंगे-टंगे देखा था महाभारत युद्ध

khatu shyam ki kahani: खाटू श्याम को शीश का दानी क्यों कहते हैं और इसके पीछे की कथा क्या है? आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। जानते हैं आगे...

खाटू श्याम | Image: Khatu Shyam instagram

khatu shyam story in hindi: जब भी कल्युग के प्रसिद्ध भगवान की बात आती है तो खाटू श्याम बाबा का नाम जहन में जरूर आता है। बता दें कि खाटू श्याम का दरबार राजस्थान के सीकर में लगता है। वहां लोग अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए जाते हैं। जहां खाटू श्याम को हारे का सहारा कहा जाता है वहीं कुछ लोग उन्हें शीश का दानी भी कहते हैं। इसके पीछे भी एक प्रसिद्ध कहानी बताई जाती है। 

आज का हमारा लेख इसी कहानी पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि खाटू श्याम को शीश का दानी क्यों कहा जाता है और इसके पीछे कौन सी कहानी प्रचलित है। पढ़ते हैं आगे… 

खाटू श्याम को क्यों कहते हैं शीश का दानी? 

खाटू श्याम का नाम बर्बरीक था। बर्बरीक के रूप में पहचाने जाने वाले खाटू श्याम हारे के सहारे थे। मान्यता है कि एक बार जब महाभारत युद्ध में कौरवों की हार और पांडवों की जीत हो रही थी तब उन्होंने कौरवों की तरफ से लड़ने का फैसला किया। श्री कृष्ण जानते थे कि यदि बर्बरीक कौरव की तरफ से लड़ते हैं तो कौरवों की सुनिश्चित ही जीत हो जाएगी और पांडव हार जाएंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि खाटू श्याम बाबा श्री राम के बाद ब्रह्मांड के दूसरे सर्वश्रेष्ठ धनुर्धर माने गए हैं। ऐसे में उन्हें रोकने के लिए श्री कृष्ण जब बर्बरीक के पास गए तो बर्बरीक ने कहा कि मैं पूरा युद्ध देखना चाहता हूं। उनकी इस इच्छा को पूरा करने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने उनके शीश को धड़ से अलग कर दिया और एक पेड़ पर टांग दिया, जहां से उन्होंने महाभारत का पूरा युद्ध दिखा। 

बता दें बर्बरीक कोई और नहीं बल्कि पांडु पुत्र भीम के पोते थे। वहीं वह शक्तिशाली और तपस्वी थे। उन्हें वरदान था कि जो भी उनके संरक्षण में रहेगा वह कभी भी हारेगा नहीं। इसके अलावा यदि उनके पास कोई सहायता के लिए आएगा तो वह कभी भी मना नहीं करेंगे और ना ही उसे हारने देंगे। तभी श्री कृष्ण ने उन्हें रोकने के लिए उनसे युद्ध में शीश मांगा था।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 15 July 2024 at 18:36 IST