अपडेटेड 30 April 2024 at 17:44 IST

Vaishakh Amavasya 2024: कब है वैशाख की अमावस्या? जानें सही डेट और पूजा का शुभ मुहुर्त

24 अप्रैल 2024 दिन बुधवार से वैशाख महीने की शुरुआत हो चुकी है। वहीं इस महीने की अमावस्या बहुत ही खास होती है, तो चलिए जानते हैं अमावस तिथइ कब है।

वैशाख की अमावस्या | Image: Freepik

Kab Hai Vaishakh Amavasya 2024: हिंदू धर्म में पूर्णिमा और अमावस्या ये दोनों ही तिथि बहुत ही खास मानी जाती है। कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि के अगले दिन अमावस मनाई जाती है और शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि के अगले दिन पूर्णिमा मनाई जाती है। वहीं जब बात वैशाख माह की अमावस्या की हो तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है।

दरअसल, वैशाख अमावस्या पर पितरों के आशीर्वाद के लिए विधिवत पूजा अर्चना और स्नान-दान किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल यह कब है और इस दिन स्नान-दान और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है।

कब है वैशाख की अमावस्या? (Kab Hai Vaishakh Amavasya)

हिंदू धर्म में वैशाख माह (Vaishak Maah) को बाकी महीनों से सर्वश्रेष्ठ माना गया है, यही वजह है कि इस महीने में पड़ने वाली अमावस्या भी बेहद खास होती है। इस साल वैशाख माह की अमावस तिथि की शुरुआत 7 मई दिन मंगलवार की सुबह 11 बजकर 41 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन 8 मई दिन बुधवार की सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर होगा। वैसे तो उदया तिथि के मुताबिक अमावस्या तिथि 8 मई को मनाई जानी चाहिए, लेकिन तिथि क्षय के कारण इस साल 7 और 8 दोनों ही दिन वैशाख अमावस्या (Vaishakh Amavasya 2024) मनाई जाएगी। 8 को उदया तिथि के हिसाब से और 7 को दर्श अमावस्या (Amavas) मनाई जाएगी।

वैशाख अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त? (Vaishakh Amavasya Shubh Muhurat)

अमावस्या (Amavasya 2024) के दिन स्नान-दान का बहुत ही खास महत्व माना जाता है। ऐसे में 7 मई को स्नान-दान का समय शाम को 6 बजकर 8 मिनट से शुरू होगा, जो 6 बजकर 54 मिनट तक रहेगा। वहीं 8 मई की सुबह 5 बजकर 12 मिनट से 6 बजकर 2 मिनट तक की अवधि में स्नान-दान कर सकते हैं। वहीं अगर पितरों की पूजा करने जा रहे हैं, तो इसके लिए 7 मई की दोपहर 12 बजे शुभ मुहूर्त है।

वैशाख अमावस्या का महत्व क्या है? (Vaishakh Amavasya Ka Mahatav)

वैशाख का महीना धार्मिक दृष्टि से बहुत खास माना जाता है। वहीं धार्मिक मान्यता है कि मुताबिक इस माह की अमावस्या तिथि पर स्नान-दान करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है और बीमारी पैदा करने वाले दोष दूर होते हैं। यह भी कहा जाता है कि इस दिन दान करने से घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है और पितरों की पूजा करने से उनका आशीर्वाद मिलता है। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 30 April 2024 at 17:44 IST