अपडेटेड 23 August 2024 at 20:25 IST
Janmashtami 2024: खीरे के बिना क्यों अधूरी मानी जाती है जन्माष्टमी की पूजा? जानें इसका महत्व और कारण
Janmashtami 2024: कृष्ण जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा में खीरे का खासतौर पर इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन क्या आप इसका कारण जानते हैं।
Janmashtami 2024: कृष्ण भक्तों को जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) का बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है। इस दिन की तैयारियां वह कई दिन पहले से शुरू कर देते हैं। पूजा पाठ से लेकर मंदिरों को सजाने और उस दिन झाकियां निकालने की तैयारियों में करीब एक हफ्ता पहले से ही जुट जाते हैं। वहीं जब यह खास दिन आता है, तब रात के 12 बजे कृष्ण भक्त लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) का जन्मोत्सव मनाते हैं और फिर उनकी विधिवत पूजा अर्चना करके श्रृंगार करते हैं, लेकिन जन्माष्टमी (Janmashtami Puja) की पूजा बिना खीरे के पूरी नहीं होती है। हालांकि ऐसा क्यों इसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते हैं आइए इसके बारे में जानते हैं।
हर साल भाद्रपद यानी भादो माह की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) का पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल इस तिथि का शुभारंभ 25 अगस्त 2024 दिन रविवार की रात 3 बजकर 39 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन 26 अगस्त 2024 दिन सोमवार की रात 2 बजकर 19 मिनट पर होगा। ऐसे में जन्माष्टमी (Janmashtami 2024) का पर्व 26 अगस्त को मनाया जाएगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस दिन पूजा में खीरे का क्या महत्व है?
खीरे के बिना क्यों अधूरी होती है जन्माष्टमी की पूजा?
शास्त्रों के मुताबिक जिस तरह से एक बच्चे का जन्म माता की कोख से होता है, ठीक उसी तरह से जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल (Laddu Gopal) का जन्म खीरे से होता है। इस दिन सुबह से ही श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल को खीरे के अंदर रखा जाता है और रात के 12 बजे जन्म के समय उनको खीरे से बाहर निकालकर उनका जन्मोत्सव बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। इसे नाल छेदन (Naal Chhedan) भी कहा जाता है।
जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा में खीरे का महत्व
जन्माष्टमी (Janmashtami) के पावन मौके पर लड्डू गोपाल को खीरे का भोग जरूर लगाना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि खीरे का भोग लगाने से भगवान श्रीकृष्ण (Krishna) बहुत ही खुश होते हैं और अपने भक्तों के सारे कष्ट दूर करते हैं।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 23 August 2024 at 20:25 IST