अपडेटेड 22 March 2024 at 17:31 IST
होली पर क्यों बनाई जाती है गुजिया? वृंदावन के इस मंदिर से 500 साल पहले शुरू हुई थी परंपरा
देश की सबसे मशहूर और पारंपरिक मिठाई गुजिया होली के मौके पर खासतौर से बनाई जाती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस गुजिया क्यों बनाई जाती है।
Holi Par Kyo Banai Jati Hai Gujiya: वैसे तो होली का त्योहार रंगों के लिए जाना जाता है, लेकिन यह पर्व गुजिया के बिना अधूरा होता है। होली का नाम आते ही दिमाग में रंगों के बाद सबसे पहला ख्याल गुजिया का ही आता है। Holi के पर्व पर इसे बनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह होली पर ही क्यों बनाई जाती है और यह भारत में कितने सालों पहले बनाई गई थी।
होली पर गुजिया बनाने की परंपरा तो सदियों से चली आ रही है, लेकिन बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इसकी उत्पत्ती भरत में नहीं बल्कि तुर्की में हुई थी। इतिहासकारों के मुताबिक यह अरब देश से भारत आया है, लेकिन यह होली के मौके पर ही क्यों बनाई जाती है आइए इसके बारे में जानते हैं।
भारत में सबसे पहले कहां बनी थी गुजिया
ऐसा माना जाता है कि भारत में सबसे पहले गुजिया उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड राज्य में बनी थी। इसी राज्य में मैदे की परत में खोया भरकर पहली बार गुजिया बनाई गई थी, जिसके बाद से ही यह दूसरों राज्य में फैला और आज पूरे देश में लोकप्रिय मिठाई है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि होली पर गुजिया बनाने की परंपरा कहां से और क्यों शुरू हुई?
वृंदावन के इस मंदिर से 500 साल पहले शुरू हुई थी परंपरा
ऐसा कहा जाता है कि होली पर गुजिया बनाने की परंपरा वृंदावन के राधा रमण मंदिर से हुई थी, जो साल 1542 में बना था और यह इस शहर के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। गुजिया और चंद्रकला आज भी यहां के पकवान का हिस्सा हैं। जिससे यह पता चलता है कि यह कम से कम 500 साल पुरानी परंपरा का हिस्सा है।
होली पर ही क्यों बनाई जाती है गुजिया?
रंगों के त्योहार पर बड़े ही चाव से खाई जानी वाली गुजिया आखिर सिर्फ होली पर ही क्यों बनाई जाती है। कहा जाता है कि ब्रज में होली के त्योहार में कृष्ण भगवान को इसी मिठाई का भोग लगाया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक फाल्गन की पूर्णिमा तिथि को बुंदेलखंड के लोगों ने अपने प्रिय भगवान कृष्ण को आटे की लोई को चाशनी में डूबोकर उसका भोग लगाया था, जिसके बाद से ही होली के दिन गुजिया बनाने की परंपरा शुरू हो गई।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 22 March 2024 at 17:31 IST