अपडेटेड 27 December 2025 at 16:02 IST
Hanuman Chalisa: इस समय भूलकर भी नहीं करना चाहिए हनुमान चालीसा का पाठ, होता है अशुभ और नहीं मिलता फल
हनुमान चालीसा का पाठ बहुत शक्तिशाली है, लेकिन इसका पूरा लाभ तभी मिलता है जब इसे सही समय, श्रद्धा और नियमों के साथ किया जाए। अगर इन बातों का ध्यान रखा जाए तो हनुमान जी की कृपा निश्चित रूप से बनी रहती है।
हनुमान जी को कलयुग का सबसे प्रभावशाली और तुरंत फल देने वाला देवता माना जाता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने से भय, कष्ट, रोग और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। लेकिन धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ करते समय समय, मन की स्थिति और नियमों का विशेष ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। गलत समय या गलत तरीके से किया गया पाठ पूरा फल नहीं देता है।
इन समयों में न करें हनुमान चालीसा का पाठ
देर रात या आधी रात के बाद
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बहुत देर रात हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। इस समय नकारात्मक शक्तियां अधिक सक्रिय मानी जाती हैं, जिससे पाठ का शुभ प्रभाव कम हो सकता है।
श्मशान या अशुद्ध स्थान पर
हनुमान चालीसा का पाठ हमेशा पवित्र और साफ जगह पर करना चाहिए। गंदे या अशुद्ध स्थान पर पाठ करने से इसका पुण्य फल नहीं मिलता है।
नकारात्मक मन से या गुस्से में
अगर मन अशांत, क्रोधित या बहुत दुखी हो तो उस समय पाठ करने से बचना चाहिए। हनुमान जी भक्ति और श्रद्धा से प्रसन्न होते हैं, मजबूरी या क्रोध से नहीं।
शराब या मांसाहार के बाद
शास्त्रों के अनुसार नशा या मांसाहार करने के बाद हनुमान चालीसा का पाठ करना अशुभ माना जाता है। इससे साधना का असर खत्म हो जाता है।
बिना स्नान और साफ कपड़ों के
हनुमान चालीसा का पाठ करने से पहले शरीर की शुद्धता जरूरी मानी गई है। बिना स्नान या गंदे कपड़ों में पाठ करना उचित नहीं माना जाता है।
हनुमान चालीसा पाठ का सही समय क्या है?
हनुमान चालीसा पाठ सुबह ब्रह्म मुहूर्त में करनका बेहद शुभ माना जाता है। इसके अलावा मंगलवार और शनिवार के दिन विशेष रूप से बजरंगबली की पूजा की जाती है। बता दें कि हनुमान चालीसा का पथ आपको सूर्यास्त से पहले शाम के समय तक ही करना चाहिए। इन समयों में किया गया पाठ जल्दी फल देता है और मन को शांति प्रदान करता है।
हनुमान चालीसा पाठ के लाभ क्या हैं?
- हनुमान चालीसा पाठ करने से भय और संकट दूर होते हैं।
- इससे नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है।
- इसके अलावा आत्मविश्वास बढ़ता है।
- कर्ज और मानसिक तनाव से राहत मिलती है।
- साथ ही, जीवन में सकारात्मकता आती है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Samridhi Breja
पब्लिश्ड 27 December 2025 at 16:02 IST