अपडेटेड 15 October 2025 at 15:49 IST

Diwali 2025 Kab Hai: 20 या 21 अक्टूबर...दिवाली कब मनाया जाएगा? अभी दूर करें कंफ्यूजन

Diwali 2025 Kab Hai: हिंदू धर्म में दिवाली हर्षोल्लास का त्योहार माना जाता है। अब ऐसे में कई लोग अभी भी कंफ्यूजन में हैं कि दिवाली कब मनाया जाएगा? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Diwali 2025 Kab Hai | Image: Meta AI

Diwali 2025 Kab Hai: सनातन धर्म में दिवाली सुख-समृद्धि और सौभाग्य का कारक माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से धन संबंधित समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। साथ ही इस दिन भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा भी विधि-विधान के साथ की जाती है। 

आपको बता दें,दिवाली पंच दिवसीय त्योहार है। इस पर्व की शुरूआत धनतेरस के दिन से आरंभ होता है और इसका समापन भाईदूज के दिन होगा। अब ऐसे में अबकी बार धनतेरस और दिवाली की डेट को लेकर कई जगहों पर अभी भी कंफ्यूजन हैं कि इस साल दिवाली कब मनाई जाएगी? क्योंकि कार्तिक अमावस्या तिथि दो दिन है। ऐसे में शास्त्र नियम के अनुसार, इस साल दिवाली कब मनाई जाएगी? आइए इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

दिवाली 20 या 21 कब है? 

पंचांग के हिसाब से, दिवाली का त्योहार कार्तिक माह के कष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन मनाने की परंपरा है और इस बार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का आरंभ 20 अक्टूबर को दोपहर 03 बजकर 45 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 21 अक्टूबर को शाम 05 बजकर55 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के हिसाब से इस साल दिवाली का त्योहार 20 अक्टूबर को निशिता काल और अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का त्योहार मनाया जाएगा।

योे भी पढ़ें - हमारा ग्रोथ रेट 7 फीसदी है, 2027 में भारत जर्मनी को पछाड़कर इकोनॉमी में दुनिया में तीसरे स्थान पर आ जाएगा- मनोहर लाल खट्टर

20 अक्टूबर को ही है दिवाली 

पंचांग के हिसाब से अमावस्या के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने का विधान है और इनकी पूजा 20 अक्टूबर को ही है। इसी दिन विधिवत रूप से पूजा-पाठ करें। इस दिन भजन-कीर्तन करें और ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या तिथि के दिन नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव अधिक रहता है। इसलिए इस दिन दीपक जलाकर सकारात्मक ऊर्जा संचार करने का है। इससे व्यक्ति के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और सौभाग्य  की प्राप्ति होती है।

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 15 October 2025 at 15:49 IST