अपडेटेड 9 March 2025 at 21:33 IST

Chanakya Niti: जीवन के अंत तक रखें इन बातों का ध्यान, जानें

Chanakya Niti in hindi: व्यक्ति को जीवन के अंतिम समय तक कौन सी बातों का ख्याल रखना चाहिए, जानते हैं इस लेख के माध्यम से...

Chanakya Niti in Hindi | Image: social media

Chanakya Niti in hindi: ज्ञान के सागर कहे जाने वाले आचार्य चाणक्य की नीतियों का यदि कोई पालन करता है तो इससे न केवल जीवन में आने वाली बाधाओं को आसानी से दूर किया जा सकता है बल्कि अपने जीवन को किस तरह से जिया जा सकता है इसके बारे में भी समझ सकते हैं। चाणक्य ने अपनी नीति के आधार पर हमें यह बताया है कि व्यक्ति को जीवन में किन-किन बातों का ध्यान अंतिम समय तक रखना चाहिए ।ऐसे में इन बातों के बारे में पता होना जरूरी है।

आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि व्यक्ति को जीवन के अंतिम समय तक कौन सी बातों का ख्याल रखना चाहिए। पढ़ते हैं आगे...

चाणक्य की इन बातों का रखें ख्याल

त्यजेद्धर्म दयाहीनं विद्याहीनं गुरुं त्यजेत् ।
त्यजेत्क्रोधमुखी भार्या निःस्नेहान्बान्धवांस्यजेत् ।।

आचार्य चाणक्य के इस श्लोक का अर्थ है कि यदि धर्म में दया भावना हो तो ऐसे धर्म को तुरंत त्याग दें। इसके साथ ही व्यक्ति को विद्याहीन, गुरु, क्रोधी और अस्नेही स्वभाव के लोगों को भी त्यागना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि जिनके अंदर दया भाव नहीं होता है वह पक्का ही अपना और दूसरों का विनाश कर सकते हैं। इसके अलावा यदि परिवार के सदस्य में प्रेम नहीं होता है तो वह परिवार भी किसी परेशानी का शिकार रहता है। आपने देखा होगा कि मुसीबत आने पर परिवार ही साथ देता है। लेकिन अगर परिवार में प्रेम ना हो तो कोई आपका साथ कैसे देगा। ऐसे में इन लोगों से भी तुरंत दूरी बना लें।

यथा चतुर्भिः कनकं परीक्ष्यते निर्घषणच्छेदन तापताडनैः ।
तथा चतुर्भिः पुरुषः परीक्ष्यते त्यागेन शीलेन गुणेन कर्मणा ।।

ऐसे में इन लोगों से भी तुरंत दूरी बना लें। जिस प्रकार सोने को घिसते हैं, काटते हैं, तपाते हैं और पीटते हैं। उसके बाद ही तैयार होता है। उसी तरह व्यक्ति का भी परीक्षण होता है। त्याग, शील, गुण और कर्म के भाव से यह परीक्षण किया जाता है। ऐसे में आचार्य चाणक्य बता रहे हैं कि जिस प्रकार सोने को अपनी प्रामाणिकता देने के लिए कई चरण पार करने होते हैं उसी प्रकार श्रेष्ठ व्यक्ति को उसके स्वभाव और त्याग के भाव से पहचानते हैं और ऐसे में उसकी समय-समय पर परीक्षा ली जाती है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 9 March 2025 at 21:33 IST