अपडेटेड 1 September 2024 at 17:35 IST
आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त को जहर क्यों देते थे? वजह जान चौंक जाएंगे आप
Chanakya and chandragupta maurya story: आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य को जहर देते थे। जी हां, जानते हैं जहर देने के पीछे क्या कारण था...
Chanakya and chandragupta maurya story: चंद्रगुप्त मौर्य का नाम तो हर किसी ने सुना ही होगा। वही आचार्य चाणक्य की नीतियां भी आज बेहद प्रसिद्ध हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त को जहर देते थे? जी हां, इसके पीछे भी एक बड़ी रहस्यमयी घटना है। ऐसे में इसके बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आचार्य चाणक्य चंद्रगुप्त मौर्य को जहर क्यों देते थे। जानते हैं इसके बारे में...
चाणक्य चंद्रगुप्त को जहर क्यों देते थे?
बता दें कि इसके पीछे एक कहानी है, जिसके अनुसार आचार्य चाणक्य और राजा बिंदुसार बेहद ही करीबी थे। लेकिन कुछ लोगों को यह करीबी पसंद नहीं थी, जिनमें से एक था सुबंधु जो कोई और नहीं बल्कि राजा बिंदुसार का मंत्री था। वह आचार्य चाणक्य को राजा बिंदुसार से दूर करना चाहता था। ऐसे में उसने काफी षड्यंत्र रचा। उसने राजा के मन में कई गलतफहमी उत्पन्न की, जिनमें से एक थी राजा की माता की मृत्यु का कारण आचार्य थे। ऐसे में राजा के मन में यह बात बैठ गई और उन दोनों के बीच में दूरियां बढ़ने लगीं।
जब दूरियां ज्यादा बढ़ गईं तो आचार्य चाणक्य ने फैसला किया कि वह महल छोड़कर चले जाएंगे और उन्होंने ऐसा ही किया। जब वे महल छोड़कर चले गए तो एक दाईं राजा बिंदुसार के पास आईं और उन्होंने बताया कि आचार्य चाणक्य सम्राट चंद्रगुप्त के खाने में थोड़ा-थोड़ा विष इसलिए मिलाते थे ताकि वह जहर के आदी हो जाएं और शत्रु उनका कुछ न बिगाड़ पाए। जिससे यदि शत्रुओं ने कभी कोई विष दें तो उसका असर उन्हें न हों।
लेकिन एक दिन विष का मिलाया हुआ खाना उनकी पत्नी ने खा लिया जो उस समय गर्भवती थीं। फिर उस खाने को खाते ही उनकी पत्नी की तबीयत बिगड़ गई और उन्हें तुरंत रानी के गर्भ को काटकर शिशु को बाहर निकाल लिया और इस तरह राजा के वंश की रक्षा हुई। अगर चाणक्य उस वक्त ऐसा ना करते तो आज मगध के राजा यानि आप जिंदा ना होते।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 1 September 2024 at 17:35 IST