अपडेटेड 4 April 2025 at 14:02 IST
Kanya Pujan Niyam: कन्या पूजन करते समय इन बातों का रखें ध्यान, एक भी भूल पड़ेगी भारी; नोट करें नियम
Kanya Pujan 2025 Vidhi Niyam: नवरात्रि का व्रत कन्या पूजन के बाद ही पूर्ण माना जाता है। ऐसे में कन्या पूजन करते समय आपको कुछ नियमों का ध्यान जरूर रखना चाहिए।
Chaita Navratri 2025 Kanya Pujan Niyam: भारत में नवरात्रि (Navratri) का त्योहार बेहद धूमधाम से मनाया जाता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस साल 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हुई। जिसका समापन अष्टमी और नवमी के दिन होगा। अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करके नवरात्रि का समापन किया जाता है।
दरअसल, नवरात्रि के व्रत को पूरा करने के लिए कन्या पूजन करने का विधान होता है। ये कन्या पूजन (Kanya Pujan) नवरात्रि के अंतिम दिन यानी अष्टमी या नवमी के दिन किया जाता है। जो कि इस बार 5 और 6 अप्रैल को पड़ रही है। कन्या पूजन के लिए कन्याओं को घर बुलाकर उन्हें भोजन करवाया जाता है और फिर उनसे आशीर्वाद लेकर उन्हें हंसी-खुशी विदा किया जाता है।
ऐसे में कन्या पूजन के नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। यदि आप एक भी नियम की अनदेख करे हैं तो देवी मां आपसे नाराज हो सकती हैं। तो चलिए जानते हैं कन्या पूजन के समय आपको किन जरूरी नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
कन्या पूजन करने के नियम (Navratri 2024 Kanya Pujan Niyam)
- कन्या पूजन करने के लिए आपको कन्याओं के घर जाकर सम्मान के साथ उन्हें कन्या भोज के लिए आमंत्रित करना चाहिए।
- ध्यान रहे कि आपको नौ कन्याओं समेत एक बालक को कन्या पूजन के लिए आमंत्रित करना है, जिन्हें भैरव भैया माना जाता है।
- जब ये कन्याएं कन्या पूजन के दिन घर पर पधारती हैं, तो आपको सबसे पहले दूध या पानी से उनके हाथ और पैरो को धोना है।
- इसके बाद आप कन्याओं के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें।
- इसके बाद कन्याओं के लिए तैयार किए गए आसन पर उन्हें बिठाएं।
- अब कन्याओं को तिलक और अक्षत लगाएं।
- फिर उनके हाथों में कलावा बांधें।
- इसके बाद आप इन कन्याओं की आरती करें।
- आरती करने के बाद आप कन्याओं के समक्ष भोजन परोसें।
- अब माता रानी का नाम लेकर कन्याओं को भोजन का सेवन करने के लिए अनुरोध करें।
- इस बीच यदि किसी कन्या की थाली में भोजन खत्म हो जाता है तो पुनः उनकी थाली में भोजन परोसें।
- कन्याओं के भोजन करने के बाद उन्हें उपहार भेंट करें।
- अब उनकी विदाई करते समय कन्याओं और एक बालक से अपनी भूलचूक की क्षमा मांगे।
- इसके बाद उनके पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें।
- इन सब नियमों को करने के बाद ही नवरात्रि कन्या पूजन पूर्ण माना जाता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 4 April 2025 at 14:02 IST