अपडेटेड 15 March 2025 at 09:13 IST
Chaitra Ekadashi 2025: आज से चैत्र माह की शुरुआत, जानिए इस महीने में कब पड़ेगी पापमोचनी और कामदा एकादशी
Papmochani aur Kamada Ekadashi 2025 Date: चैत्र माह में पापमोचनी और कामदा एकादशी कब पड़ रही हैं?
Chaitra Maah Papmochani aur Kamada Ekadashi 2025 Date: हिंदू धर्म में आज यानी शनिवार, 15 मार्च से चैत्र माह (Chaitra Month Start 2025 Date) की शुरुआत हो रही है। चैत्र माह में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व होता है, यही वजह है कि इस महीने में नवरात्रि उत्सव भी मनाया जाता है जो पूरी नौ दिनों तक चलता है। हालांकि चैत्र माह में पड़ने वाली एकादशी तिथि का भी बेहद खास महत्व है।
चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पापमोचिनी एकादशी (Papmochani Ekadashi 2025) का व्रत किया जाएगा जबकि शुक्ल पक्ष में कामदा एकादशी (Kamada Ekadashi 2025) का व्रत किया जाता है। एकादशी तिथि पर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि ये दोनों एकादशी चैत्र माह में किस तारीख को पड़ने वाली हैं।
पापमोचनी एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Papmochani Ekadashi 2025 Date and Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि मंगलवार, 25 मार्च को सुबह 05 बजकर 05 मिनट पर से शुरू होकर बुधवार, 26 मार्च को देर रात 03 बजकर 45 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में 25 मार्च को पापमोचनी एकादशी व्रत किया जाएगा। वहीं, पापमोचनी एकादशी व्रत के पारण करने का शुभ मुहूर्त 26 मार्च को दोपहर 01 बजकर 41 मिनट से 04 बजकर 08 मिनट तक रहने वाला है।
कामदा एकादशी 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Kamada Ekadashi 2025 Date Shubh Muhurat)
चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत सोमवार, 07 अप्रैल को रात 08 बजे से अगले दिन मंगलवार, 08 अप्रैल को रात 09 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 08 अप्रैल को कामदा एकादशी मनाई जाएगी।
एकादशी की पूजा विधि (Ekadashi 2025 Puja Vidhi)
- विजया एकादशी की पूजा की तैयारी एक दिन पहले शुरू हो जाती है। व्रत से एक दिन पहले पूजा के स्थान को गंगाजल छिड़ककर उसे शुद्ध किया जाता है।
- इसके बाद उस जगह पर सप्त अनाज रखा जाता है। अब किसी भी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें।
- अब पूजा स्थल पर सप्त अनाज के ऊपर तांबे या मिट्टी का कलश स्थापित करें। इसके बाद भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर लगाएं।
- अब भगवान विष्णु को धूप, दीप, चंदन, फल-फूल और तुलसी आदि अर्पित करें।
- पूजा के बाद विजया एकादशी की कथा का पाठ करें और भगवान विष्णु को किसी मिष्ठान का भोग लगाएं।
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Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 15 March 2025 at 09:13 IST