अपडेटेड 20 April 2025 at 09:19 IST
Bhanu Saptami 2025: भानु सप्तमी आज, नोट करें पूजा का मुहूर्त, जरूर पढ़ें ये आरती
Bhanu Saptami 2025: आज भानु सप्तमी के दिन आपको सूर्य देव की इस आरती का पाठ जरूर करना चाहिए।
Bhanu Saptami 2025: आज भानु सप्तमी मनाई जा रही है। यह पर्व हर महीने के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। जो कि इस बार आज यानी रविवार, 20 अप्रैल को मनाई जा रही है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। कहते हैं जो व्यक्ति आज के दिन सच्चे मन से भगवान सूर्य की पूजा करता है उस पर सूर्यदेव की कृपा हमेशा बनी रहती है।
ऐसे में अगर आप भी इस दिन सूर्य देव की पूजा कर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो आपको यहां दिए गए शुभ मुहूर्त पर सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए। साथ ही आपको उनकी पूजा के दौरान इस विशेष आरती का पाठ करना चाहिए। इससे सूर्यदेव जल्दी प्रसन्न होंगे और आपको मनचाहा फल देंगे।
भानु सप्तमी पूजा मुहूर्त (Bhanu Saptami 2025 Puja Muhurat)
आज यानी रविवार, 20 अप्रैल को भगवान सूर्य की पूजा करने के लिए सबसे सही मुहूर्त सुबह 05 बजकर 52 मिनट से 11 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। इस बीच आप कभी भी भगवान सूर्य की पूजा कर सकते हैं।
सूर्य देव की आरती (Bhagwan Surya Dev Ji Ki Aarti)
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
सारथी अरुण हैं प्रभु तुम, श्वेत कमलधारी।
तुम चार भुजा धारी, तेजोमय अवतारी।।
अश्व हैं सात तुम्हारे, कोटि किरण पसारे।
तुम हो देव महान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
ऊषा काल में जब तुम, उदयाचल आते।
सब तब दर्शन पाते, नूतन आशा लाते।।
फैलाते उजियारा, जागता तब जग सारा।
करे सब गुणगान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
संध्या में भुवनेश्वर, अस्ताचल को जाते।
गोधन तब घर आते, दीप प्रज्ज्वलित होते।।
गोधूलि बेला में, हर घर हर आँगन में।
हो तव महिमा गान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
देव-दनुज नर-नारी, ऋषि-मुनि सब भजते।
आदित्य हृदय जपते, मंगल भाव रखते।।
स्तोत्र ये मंगलकारी, इसकी है रचना न्यारी।
दे नव जीवनदान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
तुम हो त्रिकाल रचयिता, तुम जग के आधार।
महिमा तुम्हारी अपरंपार, पूजित हो संसार।।
प्राणों का सिंचन करके, भक्तों को तुम देते।
बल, बुद्धि और ज्ञान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
भूचर, जलचर, खेचर, सबके हो प्राण तुम्हीं।
संपूर्ण जीवों के जीवन, स्रोत महान तुम्हीं।।
वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने।
तुम ही सर्वशक्तिमान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
पूजन करतीं दिशाएं, पूजें दश-दिक्पाल।
तुम हो त्रिभुवन प्रतिपाल, परम तेजोमाल।।
ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी।
शुभकारी अंशुमान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
ॐ जय सूर्य भगवान, जय हो दिनकर भगवान।
जगत के नेत्र स्वरूपा, तुम हो त्रिगुण स्वरूपा।
धरत सब ही तव ध्यान, ॐ जय सूर्य भगवान।।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 20 April 2025 at 09:19 IST