अपडेटेड 12 May 2025 at 23:31 IST
Bada Mangal 2025: बड़े मंगलवार पर करें हनुमान जी को प्रसन्न, करें ये उपाय
Bada Mangal 2025: हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो मंगलवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप। इससे हनुमान जी का आर्शीवाद प्राप्त हो सकता है।
Bada Mangal 2025: बड़े मंगलवार पर करें हनुमान जी को प्रसन्न, करें ये उपाय | Image:
Shutterstock
Bada Mangal 2025: मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। वहीं ज्येष्ठ माह के सभी मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं। ऐसे में यदि आप हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो मंगलवार के दिन कुछ मंत्रों का जाप कर सकते हैं। इससे हनुमान जी का आर्शीवाद प्राप्त हो सकता है। ऐसे में इन मंत्रों के बारे में पता होना जरूरी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि आप बड़े मंगलवार के दिन किन मंत्रों का जाप कर सकते हैं। पढ़ते हैं आगे…
हनुमान जी के मंत्र
- अतुलितबलधामं हेमशैलाभदेहम्
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् ।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशम्
रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।। - ॐ ऐं ह्रीं हनुमते श्री रामदूताय नमः
- ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय विश्वरूपाय अमितविक्रमाय
प्रकट-पराक्रमाय महाबलाय सूर्यकोटिसमप्रभाय रामदूताय स्वाहा। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय रामसेवकाय
रामभक्तितत्पराय रामहृदयाय लक्ष्मणशक्ति
भेदनिवावरणाय लक्ष्मणरक्षकाय दुष्टनिबर्हणाय रामदूताय स्वाहा। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय देवदानवर्षिमुनिवरदाय रामदूताय स्वाहा।
- ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय भक्तजनमनः कल्पनाकल्पद्रुमायं
दुष्टमनोरथस्तंभनाय प्रभंजनप्राणप्रियाय महाबलपराक्रमाय
महाविपत्तिनिवारणाय पुत्रपौत्रधनधान्यादिविधिसम्पत्प्रदाय रामदूताय स्वाहा। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय वज्रदेहाय वज्रनखाय वज्रमुखाय
वज्ररोम्णे वज्रदन्ताय वज्रकराय वज्रभक्ताय रामदूताय स्वाहा। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय परयन्त्रतन्त्रत्राटकनाशकाय
सर्वज्वरच्छेदकाय सर्वव्याधिनिकृन्तकाय सर्वभयप्रशमनाय
सर्वदुष्टमुखस्तंभनाय सर्वकार्यसिद्धिप्रदाय रामदूताय स्वाहा। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पूर्वमुखे सकलशत्रुसंहारकाय रामदूताय स्वाहा।
- ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय पच्चवदनाय पश्चिममुखे
गरुडाय सकलविघ्ननिवारणाय रामदूताय स्वाहा। - ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर
शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा। - ऊँ दक्षिणमुखाय पंचमुखहनुमते करालवदनाय नारसिंहाय
ऊँ ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रौं ह्रः सकलभूतप्रेतदमनाय स्वाहा। - ऊँ पूर्वकपिमुखाय पंचमुखहनुमते टं टं टं टं टं सकल शत्रुसंहरणाय स्वाहा।
- ॐ हं हनुमत्ये नमो नमः
श्री हनुमत्ये नमो नमः
जय जय हनुमत्ये नमो नमः
श्री राम दुताय नमो नमः ।।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 12 May 2025 at 23:31 IST