अपडेटेड 3 December 2025 at 14:42 IST
Baba Vanga Predictions: दिसंबर 2025 के बचे दिनों में इन लोगों की चमकेगी किस्मत, छप्परफाड़ कर आएंगे पैसे; बाबा वेंगा की भविष्यवाणी
साल 2025 अब जाने की दहलीज पर है। कुछ दिनों बाद हम साल 2026 का स्वागत करेंगे। लेकिन गुजरते साल के आखिरी महीने में बाबा वंगा ने भविष्यवाणी की है।
साल 2025 अब जाने की दहलीज पर है। कुछ दिनों बाद हम साल 2026 का स्वागत करेंगे। लेकिन गुजरते साल के आखिरी महीने में बाबा वंगा ने भविष्यवाणी की है। उन्होंने बताया कि दिसंबर महीने में बचे दिन कुछ राशियों के लिए खुशियों भरा रहने वाला है। आपको बता दें कि बाबा वंगा की मौत 1966 में ही हो गई थी। उन्हें अक्सर ‘बाल्कन की नास्त्रेदमस’ के नाम से जाना जाता है।
उनके मानने वाले उन्हें दुनिया की बड़ी घटनाओं को उनके होने से बहुत पहले ही देख लेने का क्रेडिट देते रहे हैं। हालांकि उनसे जुड़ी कुछ बातें कंफर्म नहीं हुई है, फिर भी उनसे जुड़ी भविष्यवाणियां पूरी दुनिया को हैरान करती हैं। उन्होंने दिसंबर 2025 को लेकर राशि के आधार पर लोगों के जीवन में आने वाले बदलाव को लेकर बड़े दावे किए हैं।
इन राशियों की चमकेगी किस्मत
मिथुन: बाबा वंगा की भविष्यवाणी के अनुसार, मिथुन राशि के लोग दिसंबर का महीना बहुत खुशी से बिताएंगे। वे रुके हुए काम जल्दी पूरे करेंगे। वे अपने करियर पर ज्यादा ध्यान देंगे। विदेश यात्रा की संभावना है। वे लगन से काम पूरे करेंगे। घर में खुशी का माहौल रहेगा।
कुंभ: कुंभ राशि वालों के लिए भी यह महीना बहुत अच्छा रहेगा। खर्चे कम होंगे। आर्थिक रूप से आप अच्छी स्थिति में रहेंगे। आपके पास पैसा होने के कारण आप अपना समय खुशी से बिताएंगे। घर-बाहर दोनों जगह खुशी का माहौल रहेगा।
कन्या: दिसंबर का महीना कन्या राशि वालों के लिए बेहद शानदार रहेगा। शनि की कृपा से वे अपने सोचे हुए काम समय पर पूरे कर लेंगे। आर्थिक परेशानियां दूर होंगी।
वृषभ: बाबा वंगा ज्योतिष के अनुसार, वृषभ राशि वालों के लिए पूरा वर्ष 2025 कैसा भी रहे, इस साल का आखिरी महीना बेहद शानदार रहेगा। उन्हें आर्थिक सहयोग मिलेगा और सूर्य देव की कृपा से वे जिस चीज को भी छुएंगे, वह सोने में बदल जाएगी। घर और बाहर दोनों जगह सकारात्मक माहौल बनेगा।
कौन थे बाबा वेंगा?
बता दें कि बाबा वेंगा का असली नाम वेंजेलिया पांडेवा गुश्टेरोवा है। उनका जन्म 31 जनवरी 1911 को हुआ था। बाबा वेंगा असल में एक महिला थी और बचपन से ही वो इस दुनिया को देख नहीं सकती थी, यानी जन्म के समय ही उनकी आंख की रोशनी चली गई थी। बाबा वेंगा ने अपना अधिकांश जीवन बुल्गारिया के बेलासिका पहाड़ों के रूपाइट क्षेत्र में बिताया था।
पिता प्रथम विश्व युद्ध में थे सिपाही
बाबा वेंगा जब छोटी थीं, उस समय वेंगा के पिता को प्रथम विश्व युद्ध के दौरान बुल्गेरियाई सेना में भर्ती किया गया था। वहीं वेंगा की मां की जल्द ही मौत हो गई थी। जिसके कारण वेंगा को अपनी युवावस्था के अधिकांश समय के लिए पड़ोसियों और करीबी पारिवारिक मित्रों की देखभाल और उनके द्वारा दिए गये दान पर निर्भर रहना पड़ता था। दुनियाभर में वेंगा की लोकप्रियता द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 3 December 2025 at 14:42 IST