अपडेटेड 22 January 2024 at 12:45 IST
Ramlala: तुलसीदास ने जैसा कहा कृष्णवर्ण रामलला की प्रतिमा वैसी ही बनी चौपाइयों में सौंदर्य का बखान
तुलसीदास रचित रामचरितमानस में कृष्णवर्ण Ramlala के हर अंग का महिमामंडन है। सुन पढ़कर एक छवि बनती है वैसी ही जैसी प्रतिमा में दिख रही है।
Rammandir Today: रामचरित मानस के बालकांड में भगवान राम के बाल रूप की जैसे व्याख्या है पहली झलक में लला वैसे ही लगते हैं। अयोध्या के राम मंदिर में स्थापित कृष्णशिला से बनी श्रीरामलला की मूर्ति आभास महाग्रंथ में वर्णित शब्दों का कराती प्रतीत होती है।
काम कोटि छबि स्याम सरीरा नील कंज बारिद गंभीरा।
अरुन चरन पंकज नख जोती, कमल दलन्हि बैठे जनु मोती॥
तुलसीदास कहते प्रभु राम की मोहित करने वाली छवि का वर्णन करते हैं। लिखते हैं- श्रीराम नीलकमल और गंभीर (जल से भरे हुए) मेघ के समान नील शरीर में करोड़ों कामदेवों की शोभा है। लाल-लाल चरण कमलों के नखों की (शुभ्र) ज्योति ऐसी मालूम होती है जैसे (लाल) कमल के पत्तों पर मोती स्थिर हो गए हों। ये वर्णन उस प्रतिमा में अक्षरशः ढलता दिखता है। मन मोहने वाली कृति श्याम वर्ण की है। जो 5 साल के रामलला के प्रत्यक्ष अंगों को परिभाषित करती है।
रेख कुलिस ध्वज अंकुस सोहे। नूपुर धुनि सुनि मुनि मन मोहे, कटि किंकिनी उदर त्रय रेखा। नाभि गभीर जान जेहिं देखा॥
अर्थात- (चरणतलों में) वज्र, ध्वजा और अंकुश के चिह्न शोभित हैं। नूपुर (पैंजनी) की ध्वनि सुनकर मुनियों का भी मन मोहित हो जाता है। कमर में करधनी और पेट पर तीन रेखाएँ (त्रिवली) हैं। नाभि की गंभीरता को तो वही जानते हैं, जिन्होंने उसे देखा है। मूर्तिकार अरुण योगीराज ने जो प्रतिमा गढ़ी है उसे देखें तो चरण वज्र समान, ध्वज और अंकुश चिह्नों से सुशोभित हैं। कटि भाग यानि कमर में भी बारिकियां झलकती हैं।
कंबु कंठ अति चिबुक सुहाई। आनन अमित मदन छबि छाई॥
दुइ दुइ दसन अधर अरुनारे। नासा तिलक को बरनै पारे॥
कंठ शंख के समान (उतार-चढ़ाव वाला, तीन रेखाओं से सुशोभित) है और ठोड़ी बहुत ही सुंदर है। मुख पर असंख्य कामदेवों की छटा छा रही है। दो-दो सुंदर दतुलियाँ हैं, लाल-लाल ओठ हैं। नासिका और तिलक (के सौंदर्य) का तो वर्णन ही कौन कर सकता है।
वैसे तो श्रीराम लला का मुख ही इतना आकर्षक है कि आंखें कहीं और टिकती नहीं हैं फिर भी तुलसीदास का वर्णन मुख से नीचे कंठ पर नजर डालें तो वहां भी दिखती हैं। कंठ शंख के समान है और ठोड़ी भी बेहद आकर्षक। दो दो सुंदर दंतुलियां प्रभु की मुस्कान को और मोहक बनाती हैं।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 21 January 2024 at 08:58 IST