अपडेटेड 28 May 2025 at 12:07 IST

वीर सावरकर जयंती पर PM मोदी ने उन्हें बताया 'सच्चा सपूत', कहा- 'राष्ट्र उनके साहस और संघर्ष को कभी नहीं भूल सकता'

वीर सावरकर जयंती पर पीएम मोदी ने उन्हें सच्चा सपूत बताते हुए कहा- राष्ट्र उनके साहस और संघर्ष को कभी नहीं भुला सकता।

वीर सावरकर जयंती | Image: @narendramodi

PM Modi tribute on Savarkar Jayanti: भारत माता के महान सपूत और स्वतंत्रता संग्राम के अप्रतिम योद्धा विनायक दामोदर सावरकर की जयंती के अवसर पर आज देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट कर वीर सावरकर को याद किया और उन्हें राष्ट्र का गौरव बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा- 'भारत माता के सच्चे सपूत वीर सावरकर जी को उनकी जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। विदेशी हुकूमत की कठोर से कठोर यातनाएं भी मातृभूमि के प्रति उनके समर्पण भाव को डिगा नहीं पाईं। आजादी के आंदोलन में उनके अदम्य साहस और संघर्ष की गाथा को कृतज्ञ राष्ट्र कभी भुला नहीं सकता। देश के लिए उनका त्याग और समर्पण विकसित भारत के निर्माण में भी पथ-प्रदर्शक बना रहेगा।'

वीर सावरकर की जीवन और संघर्ष की कहानी

वीर सावरकर का जन्म 28 मई 1883 को नासिक (महाराष्ट्र) में हुआ। सावरकर बचपन से ही ब्रिटिश शासन के खिलाफ थे। लंदन में उन्होंने अभिनव भारत और फ्री इंडिया सोसाइटी जैसे संगठनों की स्थापना की। जिसके बाद 1910 में गिरफ्तार कर उन्हें 1911 में अंडमान की सेलुलर जेल में 2 आजीवन कारावास की सजा दी गई।

कठोर सजा, लेकिन हिम्मत नहीं टूटी

अंग्रेजों द्वारा दी गई कालापानी की सजा, जिसमें उन्हें शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी गईं, सावरकर की आत्मा को नहीं झुका सकीं। जेल की दीवारों पर उन्होंने कविताएं लिखीं, जो आज भी युवाओं को प्रेरित करती हैं। उनका मानना था कि क्रांति केवल हथियार से नहीं, विचारों से भी होती है। वीर सावरकर न एक क्रांतिकारी थे, बल्कि एक विचारक, लेखक और राष्ट्रभक्त भी थे। उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए त्याग, बलिदान और राष्ट्रप्रेम का प्रतीक रहेगा।

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Published By : Nidhi Mudgill

पब्लिश्ड 28 May 2025 at 12:07 IST