अपडेटेड 16 March 2025 at 18:37 IST

'स्कूल के दिनों में पीएम मोदी को कैसे मिला था पहला जूता?', Lex Fridman के Podcast में बोले PM नरेंद्र मोदी

मेरे पिता ने पारंपरिक चमड़े के जूते पहने थे। ये जूते गांव में ही बनाए गए थे। ये जूते बहुत ही मजबूत और टिकाऊ थे। इन्हें पहनने के बाद टक-टक की आवाज किया करते थे।

'स्कूल के दिनों में पीएम मोदी को कैसे मिला था पहला जूता?', Lex Fridman के Podcast में बोले PM नरेंद्र मोदी | Image: X

अमेरिकी यूट्यूबर लेक्स फ्रिडमैन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक पॉडकास्ट किया है। 3 घंटे के इस पॉकास्ट में पीएम मोदी ने अपने जीवन की कई महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में बताया है। लेक्स फ्रिडमैन के 7 पॉडकास्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान अमेरिकी यूट्यूबर ने उनसे भारतीय इतिहास और उनके बचपन से लेकर हिमालय में बिताए गए वर्षों से लेकर तीन बार गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर और तीन बार भारत के प्रधानमंत्री के रूप में अपनी आध्यात्मिक यात्रा पर बातचीत की है। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने बचपन की घटनाओं का जिक्र करते हुए बताया कि उन्हें पहली बार स्कूल के दिनों में जूता पहनने का मौका कब और कैसे मिला था।


अमेरिकी यूट्यूबर के साथ बातचीत की शुरुआत में ही पीएम मोदी ने अपने बचपने के दिनों की चर्चा करते हुए बताया, 'मेरा जन्मस्थान गुजरात में है विशेष रूप से उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले के एक छोटे से शहर वडनगर में मेरा जन्म हुआ था। ऐतिहासिक रूप से इस शहर का काफी महत्व है। यहीं पर मैंने अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की थी। आज जब मैं पूरी दुनिया को समझता हूं तो अपने बचपन और उस अनोखे माहौल को याद करता हूं जिसमें मैं पल-बढ़कर बड़ा हुआ था।'


अमेरिकी यूट्यूबर से पीएम ने किया बचपन की गरीबी का जिक्र

पीएम मोदी ने अमेरिकी यूट्यूबर से अपने बचपन की गरीबी की जिक्र करते हुए बताया, 'जो व्यक्ति अच्छे जूते पहनने का आदी होता है उसे उनकी अनुपस्थिति महसूस होती है जब वे नहीं होते, लेकिन हमारे लिए क्या हमने तो कभी जीवन में जूते पहने ही नहीं थे। तो ऐसे में हमें कैसे पता चलता कि जूते पहनना कोई बड़ी बात है? हम किसी से अपनी तुलना करने की स्थिति में नहीं थे, यही हमारा जीवन था। मेरे माता-पिता बहुत मेहनती थे और बहुत ही अनुशासित भी। वो सुबह 4 से साढ़े 4 बजे ही घर से निकलते थे और एक लंबी दूरी तय कर कई मंदिरों में होते हुए अपनी दुकान तक का सफर तय करते थे।


स्कूल में जूते पहनने का विचार कभी हमारे मन में ही नहीं आयाः पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अमेरिकी यूट्यूबर से बातचीत के दौरान अपने पिता के बारे में बताते हुए कहा, 'मेरे पिता ने पारंपरिक चमड़े के जूते पहने थे। ये जूते गांव में ही मोची के हाथों से बनाए गए थे। ये जूते बहुत ही मजबूत और टिकाऊ थे। इन जूतों को पहनकर जब मेरे पिता चलते थे तो टक, टक, टक की आवाज किया करते थे। ऐसे में गांव के लोग कहते थे कि वे सिर्फ उनके कदमों की आवाज सुनकर ही समय का अंदाजा लगा सकते थे। वो कहते थे श्री दामोदर आ रहे हैं। समय के प्रति उनका ऐसा अनुशासन था। वो देर रात तक बिना थके काम किया करते थे। मेरी मां भी ये सुनिश्चित किया करती थीं कि हमें कभी हमारी परिस्थितियों का संघर्ष महसूस न हो। मुझे याद है कि स्कूल में जूते पहनने का विचार कभी मेरे मन में नहीं आया।'


मामा ने दिलवाए थे पहले जूते:पीएम मोदी

पीएम मोदी ने अमेरिकी यूट्यूबर से बातचीत में बताया कि उन्होंने पहली बार जूते कब पहने थे। पीएम ने बताया,'एक दिन जब मैं अपने स्कूल जा रहा था तभी रास्ते में मेरे मामा जी से मेरी मुलाकात हो गई। उन्होंने मुझे देखा तो हैरान होकर बोले कि अरे... तुम बिना जूतों के ही स्कूल जाते हो? और उसके बाद उन्होंने मुझे एक जोड़ी कैनवास के जूते खरीद कर दिए थे। उस समय उन जूतों की कीमत लगभग 10 या 12 रुपये रही होगी। ये जूते सफेद कैनवास के थे जो बहुत जल्दी ही गंदे हो जाते थे। तो मैंने इसके लिए भी विकल्प ढूंढ लिया और शाम को जब शिक्षक क्लास से चले जाते थे तब उनके द्वारा फेंकी गई चॉक के टुकड़ों को मैं इकट्ठा कर लेता था और उन टुकड़ों को पानी में भिगोकर पेस्ट बनाता था और अपने कैनवास के जूतों को उससे चमकाता था।'
 


कौन हैं लेक्स फ्रिडमैन?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू करने वाले लेक्स फ्रिडमैन 2015 से मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में एक रिसर्च साइंटिस्ट हैं। उनके पॉडकास्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), ग्लोबल पॉलिटिक्स (Global Politics), क्रिप्टोकरेंसी (Criptocurrency), ग्लोबल जियोपॉलिटिक्स (Global Geopolitics) और टेक्नोलॉजी (Technology) जैसे कई विषय शामिल हैं। फिलहाल वो पीएम मोदी के साथ 3 घंटे के पॉडकास्ट के बाद भारत में भी तेजी से लोकप्रिय हो गए हैं।

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Published By : Ravindra Singh

पब्लिश्ड 16 March 2025 at 18:37 IST