अपडेटेड 18 April 2024 at 14:03 IST
PM मोदी को भेंट की गई 'सबके राम', रामायण के कई प्रसंगों का किताब में है वैज्ञानिक प्रमाण
प्रभु राम को समर्पित पुस्तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सौंपी गई है। खासियतों का खजाना है ये। इसमें श्री राम से जुड़े किस्सों को तर्क के आधार पर गढ़ा गया है।
Sabke Ram: भारत के कण-कण में श्री राम बसते हैं और ऐसा दावा एक अनूठी किताब सबके राम करती है। पुस्तक जिसमें अयोध्या का इतिहास है, श्री रामजन्मभूमि के लिए संघर्ष की कहानियां है और विज्ञान को प्रामणिकता के साथ प्रस्तुत किया गया है। किताब अनूठी इसलिए है क्योंकि इसमें आम आस्थावान के मन मस्तिष्क में उठते हर सवाल को अड्रेस किया गया है।
सबके राम महज एक पुस्तक नहीं बल्कि अनुभवों का संकलन है। अयोध्या में श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा के लिए किए गए अथक प्रयास को देख, पढ़ ही नहीं बल्कि सुन भी सकते हैं।
कई सवालों के जवाब वाली सबके राम पीएम को की गई भेंट
तमाम सवालों के जवाब खोजती पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी गई। पाञ्चजन्य के संपादक हितेश शंकर और भारत प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अरुण गोयल ने राम जन्मभूमि आंदोलन पर बने कॉफी टेबल बुक की पहली कॉपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की। एक्स पर पीएम के ऑफिशियल हेंडल से इसे पोस्ट किया गया। जिसमें बताया गया है कि ये सामाजिक आंदोलन की साक्षी भी है।
अयोध्या को लेकर क्या कहते थे अटल!
पु्स्तक दावा करती है कि पुस्तक में उन सवालों को साक्ष्य के साथ प्रस्तुत करने की कोशिश है जिसे लेकर लोग संशकित रहते हैं। दावा है कि ये पुस्तक ही नहीं कुंजी है राम जीवन से जुड़ी हुई। अनूठी पुस्तक जिसे पढ़ ही नहीं सुन भी सकते हैं। तकनीक ऐसी की पढ़ने और सुनने का आनंद ले सकते हैं। इसमें विभिन्न लेखकों और महानुभूतियों के विचार हैं जिससे कई प्रश्नों का उत्तर मिल जाता है। जैसे- क्या रावण ने सीता का अपहरण किया था? क्या वो थीं? क्या अयोध्या में राम के मंदिर का प्रमाण था, तर्क और विज्ञान के साथ शोध परक उत्तर...ऐतिहासिकता से वैज्ञानिकता तक की गाथा। इसमें अटल बिहारी वाजपेयी का भी जिक्र है। उत्तर तलाशने का प्रयास कि वो क्यों अयोध्या को राष्ट्रीय अभिमान मानते थे? इसमें राम राज्य, रीति, नीति पर भी प्रकाश डाला गया है। ये तथ्यात्मक दस्तावेज है, जिसे सबके लिए जानना जरूरी है।
सबके राम की प्रमुख बातें
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेंट की गई 'सबके राम' पुस्तक
- पुस्तक में राम मंदिर आंदोलन से लेकर मंदिर निर्माण तक की कहानी
- मंदिर आंदोलन से जुड़े तमाम महान विभूतियों का जिक्र
- 'सबके राम' की ऑडियो बुक भी जारी
- 'अयोध्या में राम मंदिर के लिए 500 वर्षों का संघर्ष पूरा हुआ'
- 'राम मंदिर के नींव में समर्पण, त्याग और बलिदान की अनकही कहानिया हैं'
- ‘अटल जी अयोध्या को राष्ट्रीय अभिमान मानते थे’
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Published By : Kiran Rai
पब्लिश्ड 18 April 2024 at 14:03 IST