अपडेटेड 1 April 2025 at 23:23 IST
ये क्या है? तिरंगे को देख अचानक रुक गए चिली के राष्ट्रपति, हैदराबाद हाउस में PM Modi ने समझाया अशोक चक्र का मतलब
चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट हैदराबाद हाउस में अचानक भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के पास रुक गए। उन्होंने अशोक चक्र के बारे में PM मोदी से सवाल किया।
Gabriel Boric India Visit : दक्षिण अमेरिकी देश चिली के राष्ट्रपति गेब्रियल बोरिक फॉन्ट (Gabriel Boric Font) भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ उन्होंने मंगलवार को नई दिल्ली स्थिति हैदराबाद हाउस में बातचीत की। भारत और चिली ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते पर वार्ता शुरू करने की घोषणा करदी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिली के राष्ट्रपति ने व्यापार, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिजों और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए व्यापक वार्ता की।
चिली के राष्ट्रपति अपने मंत्रियों, संसद सदस्यों, वरिष्ठ अधिकारियों और व्यापार जगत के नेताओं के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत की 5 दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। चिली को लैटिन अमेरिका में भारत का खास दोस्त और साझेदार बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 'हम चिली के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ाने के इच्छुक हैं। दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध संभव हैं। स्वास्थ्य सेवा में विशेष रूप से भारत और चिली को और भी करीब लाने की बहुत संभावना है। चिली में योग और आयुर्वेद की बढ़ती लोकप्रियता खुशी की बात है।'
तिरंगे को देख अचानक रुके राष्ट्रपति
चिली के राष्ट्रपति ने राजघाट पहुंचकर महात्मा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की। इसके बाद उन्होंने नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में पीएम मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान चिली के राष्ट्रपति अचानक भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के पास रुक गए। गेब्रियल बोरिक ने तिरंगे के बीच में बने अशोक चक्र के बारे में बड़ी उत्सुकता से पीएम मोदी से सवाल किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गेब्रियल बोरिक फॉन्ट को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के बारे में बताते हुए नजर आए। पीएम मोदी ने चिली के राष्ट्रपति को अशोक चक्र का मतलब समझाया।
अशोक चक्र का महत्व
भारत के राष्ट्रीय ध्वज, तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग, बीच में सफेद और सबसे नीचे हरा रंग होता है। बीच की सफेद पट्टी पर गहरे नीले रंग का अशोक चक्र होता है। तिरंगे में 24 तीलियों वाले गहरे नीले रंग के अशोक चक्र का विशेष महत्व है। अशोक चक्र को राष्ट्रीय ध्वज में 22 जुलाई, 1947 को शामिल किया गया है, जो सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है। ये च्रक प्रगति और गति, धर्म और सत्य, राष्ट्रीय एकता, सभ्यता और नैतिक के मूल्यों का प्रतीक है।
अशोक चक्र में 24 तीलियां निरंतर गति और प्रगति को दर्शाती हैं। ये 24 तीलियां, 24 घंटों का प्रतीक मानी जाती हैं। अशोक चक्र तिरंगे के केंद्र में स्थित है, जो देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है। यह सभी धर्मों, समुदायों और क्षेत्रों को एक सूत्र में बांधने का संदेश देता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 1 April 2025 at 22:38 IST