अपडेटेड 18 March 2025 at 13:03 IST
'महाकुंभ के रूप में पूरे विश्व ने भारत के विराट स्वरूप का दर्शन किया, संगम से निकला एकता का अमृत', संसद में बोले PM Modi
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में महाकुंभ के आयोजन को लेकर कहा कि महाकुंभ के रुप में पूरे विश्व ने भारत के विराट स्वरूप का दर्शन किया।
PM Modi on Mahakumbh: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में महाकुंभ 2025 के आयोजन पर प्रकाश डाला। महाकुंभ के आयोजन को लेकर पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि महाकुंभ के रुप में पूरे विश्व ने भारत के विराट स्वरूप का दर्शन किया।
पीएम मोदी ने कहा, “मैं प्रयागराज में हुए महाकुंभ पर वक्तव्य देने के लए उपस्थित हुआ हूं। मैं इस सदन के माध्यम से देश वासियों को कोटि-कोटि नमन करता हूं, जिनकी वजह से महाकुंभ का सफल आयोजन हुआ। इसमें अनेक लोगों का योगदान है। मैं सरकार, समाज और देशभर के सभी कर्मयोगियों का अभिनंदन करता हूं। मैं देशभर के श्रद्धालुओं, यूपी की जनता विशेषतौर पर प्रय़ागराज की जनता का धन्यवाद करता हूं।”
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि गंगा जी को धरती पर लाने के लिए भगीरथ प्रयास किया गया था। वैसे ही महाप्रयास इस भव्य आयोजन में हमने देखा। मैंने लालकिले से सबका प्रयास, पर जोर दिया था। पूरे विश्व ने महाकुंभ के रुप में भारत के विराट स्वरुप के दर्शन किए। ये जनता जनार्दन का, उनके संकल्पों, श्रद्धा से प्रेरित महाकुंभ था।
महाकुंभ से अनेक अमृत निकले: PM मोदी
लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं, एकता का अमृत इसका बहुत पवित्र प्रसाद है। महाकुंभ ऐसा आयोजन रहा जिसमें देश के हर क्षेत्र, कोने से आए लोग एक हो गए। लोग अहम त्यागकर मैं नहीं हम की भावना से प्रयागराज में जुटे। जब अलग-अलग भाषा, बोली बोलने वाले लोग संगम तट पर हर-हर गंगे का उद्घोष करते हैं तो 'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' की झलक दिखती है।"
उन्होंने कहा कि महाकुंभ में हमने राष्ट्रीय चेतना के जागरण का विराट दर्शन किया। महाकुंभ ने उन आशंकाओं को भी उचित जवाब दिया है, जो हमारे ,सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहता है। पिछले वर्ष अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हम सभी ने ये महसूस किया था कि कैसे देश अगले एक हजार वर्षों के लिए तैयार हो रहा है। ठीक एक साल बाद महाकुंभ के आयोजन ने इस विचार को और मजबूत किया है।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 18 March 2025 at 12:30 IST