अपडेटेड 9 April 2025 at 10:14 IST
दुश्मन बाहर नहीं, भीतर है, जिन्हें जीतना ही असली विजय है-नवकार महामंत्र दिवस पर PM मोदी का संबोधन
PM मोदी नवकार महामंत्र दिवस कार्यक्रम को संबोधित करने से पहले आम लोगों के साथ 'नवकार महामंत्र' का जाप किया।
दिल्ली के विज्ञान भवन में आज ‘विश्व नवकार महामंत्र दिवस’ मनाया गया। नवकार महामंत्र दिवस आध्यात्मिक सद्भाव और नैतिक चेतना का एक महत्वपूर्ण उत्सव है, जो जैन धर्म में सबसे अधिक पवित्र माना जाता है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल हुए और अन्य लोगों के साथ 'नवकार महामंत्र' का जाप किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जैन धर्म हमें बाहरी दुनिया नहीं, बल्कि खुद को जीतने की प्रेरणा देता है।
PM मोदी नवकार महामंत्र दिवस कार्यक्रम को संबोधित करने से पहले 'नवकार महामंत्र' का जाप किया। इसके बाद अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि मैं नवकार महामंत्र की इस आध्यात्मिक शक्ति को अब भी अपने भीतर अनुभव कर रहा हूं। कुछ वर्ष पूर्व मैं बंगलुरू में ऐसे ही एक सामुहिक मंत्रोच्चार का साक्षी बना था, आज वही अनुभूति हुई और उतनी ही गहराई में हुई।
जैन धर्म खुद को जीतने की प्रेरणा देता है-PM मोदी
नवकार महामंत्र दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, नवकार महामंत्र कहता है कि स्वयं पर विश्वास करो, स्वयं की यात्रा शुरू करो, दुश्मन बाहर नहीं है, दुश्मन भीतर है। नकारात्मक सोच, अविश्वास, वैमनस्य, स्वार्थ ही वो शत्रु हैं, जिन्हें जीतना ही असली विजय है। यही कारण है कि जैन धर्म हमें बाहरी दुनिया नहीं, बल्कि खुद को जीतने की प्रेरणा देता है।
नवकार महामंत्र सिर्फ मंत्र नहीं,आस्था का केंद्र-PM मोदी
नवकार महामंत्र के महत्व को बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, नवकार महामंत्र सिर्फ मंत्र नहीं है। ये हमारी आस्था का केंद्र है। हमारे जीवन का मूल स्वर और इसका महत्व सिर्फ आध्यात्मिक नहीं है। ये स्वयं से लेकर समाज तक सबको राह दिखाता है, जन से जग तक की यात्रा है। इस मंत्र का प्रत्येक पद ही नहीं, बल्कि प्रत्येक अक्षर अपने आप में मंत्र है।
विकसित भारत पर PM मोदी को जोर
पीएम मोदी ने आगे कहा, हम जानते हैं कि जीवन के 9 तत्व हैं। ये 9 तत्व जीवन को पूर्णता की ओर ले जाते हैं, इसलिए हमारी संस्कृति में नव का विशेष महत्व है। नवकार महामंत्र का ये दर्शन विकसित भारत के विजन से जुड़ता है। मैंने लालकिले से कहा था- विकसित भारत यानी विकास भी, विरासत भी। एक ऐसा भारत जो रुकेगा नहीं, ऐसा भारत जो थमेगा नहीं। जो ऊंचाई छुएगा, लेकिन अपनी जड़ों से नहीं कटेगा।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 9 April 2025 at 09:56 IST