अपडेटेड 29 December 2024 at 12:55 IST
Mann Ki Baat: कभी पलायन को मजबूर थे किसान, फिर... PM Modi ने मन की बात में किया 'कालाहांडी की सब्जी क्रांति' का जिक्र
PM मोदी ने कहा कि ओडिशा का कालाहांडी कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद सफलता की नई गाथा लिख रहा है। उन्होंने कहा कि छोटी शुरुआत से भी बड़े बदलाव आ सकता है।
PM Modi Mann Ki Baat: रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 117वें एपिसोड में देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने संविधान के 75 साल से लेकर प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ 2025 का जिक्र किया। इस दौरान पीएम मोदी कालाहांडी की 'सब्जी क्रांति' के जरिए लोगों को बड़ा संदेश देते नजर आए।
PM मोदी ने कहा कि ओडिशा का कालाहांडी कम पानी और कम संसाधनों के बावजूद सफलता की नई गाथा लिख रहा है। इसके जरिए उन्होंने बताया कि छोटी शुरुआत से भी बड़े बदलाव आ सकते हैं।
PM मोदी ने बताया कालाहांडी कैसे बना सब्जियों का केंद्र?
'मन की बात' में पीएम मोदी ने कहा कि कालाहांडी में किसान कभी किसान पलायन करने को मजबूर थे। वहीं आज गोलामुंडा ब्लॉक एक सब्जियों का केंद्र बन गया है। यह परिवर्तन कैसे आया? इसकी शुरुआत सिर्फ 10 किसानों के एक छोटे से समूह से हुई। इस समूह ने मिलकर एक FPO - ‘किसान उत्पाद संघ’ की स्थापना की। खेती में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल शुरू किया और आज उनका ये FPO करोड़ों का कारोबार कर रहा है।
‘आज सालाना टर्नओवर डेढ़ करोड़ से ज्यादा’
पीएम मोदी ने बताया कि आज 200 से अधिक किसान इस FPO से जुड़े हैं, जिनमें 45 महिला किसान भी हैं। ये लोग मिलकर 200 एकड़ में टमाटर की खेती कर रहे हैं। 150 एकड़ में करेले का उत्पादन कर रहे हैं। अब इस FPO का सालाना टर्नओवर भी बढ़कर डेढ़ करोड़ से ज्यादा हो गया है।
उन्होंने कहा कि आज कालाहांडी की सब्जियां न केवल ओडिशा के विभिन्न जिलों में, बल्कि दूसरे राज्यों में भी पहुंच रही हैं। वहाँ का किसान अब आलू और प्याज की खेती की नई तकनीकें सीख रहा है। कालाहांडी की यह सफलता हमें सिखाती है कि संकल्प शक्ति और सामूहिक प्रयास से क्या नहीं किया जा सकता। मैं आप सभी से आग्रह करता हूं कि अपने क्षेत्र में FPO को प्रोत्साहित करें। किसान उत्पादक संगठनों से जुड़ें और उन्हें मजबूत बनाएं।
पीएम ने कहा कि याद रखिए- छोटी शुरुआत से भी बड़े परिवर्तन संभव हैं। हमें, बस, दृढ़ संकल्प और टीम भावना की जरूरत है।
Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 29 December 2024 at 12:55 IST