OPINION

अपडेटेड 27 August 2024 at 17:37 IST

'बंटेंगे तो कटेंगे' पर घबराहट क्यों, विपक्ष की संकीर्ण सोच!

योगी का बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे' चाहे जिस सन्दर्भ में कहा हो लेकिन ये हकीकत है। ये हम भी जानते हैं और आप भी।

Yogi Adityanath | Image: PTI

'बंटेंगे तो कटेंगे', विपक्ष की संकीर्ण  सोच!

सियासत ऐसी चीजे है जो बड़ी सोच को संकीर्ण बना सकती है और छोटी सोच को भी बड़ा दिखा सकती है। योगी का बयान 'बंटेंगे तो कटेंगे और एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे' चाहे जिस सन्दर्भ में कहा हो लेकिन ये हकीकत है। ये हम भी जानते हैं और आप भी। एकता कितनी बड़ी पूंजी है। ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है। देश में एकता के लिए कई लघु फिल्में बनाई गई , कई कथा-कहानियों में आपने एकजुटता के बारे में पढ़ा और सुना होगा। 1974 में दूरदर्शन पर प्रसारित 'एक चिड़िया अनेक चिड़िया' लघु फिल्म शायद आपने भी देखी होी। जिसमें  एक, अनेक और एकता यानी One, Many, and Unity की बात की गई। एक रहने की बात चाहे परिवार की हो, समाज की हो या फिर देश की...हर जगह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का ये बयान सटीक बैठता है। लेकिन विपक्ष के कथाकथित सेक्युलर को भगवाधारी योगी के बयान से तिलमिलाहट है। व्याकुलता है। बेचैनी है। अब विपक्ष की इसी बेचैनी को दो तरीके से देखा जा रहा है। पहला ये कि बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार हुआ और विपक्ष के नेताओं ने  मुंह तक नहीं खोला। दूसरा ये कि विपक्ष लगातार जातीय जनगणना की बात कर रहा है। वहीं बीजेपी जातीय जनगणना से इनकार तो नहीं कर रही लेकिन देश में एकजुटता की हवा तैयार करने में लगी है। चाहे वो पीएम मोदी का नारा सबका साथ, सबका विश्वास और सबका प्रयास की बात हो या फिर 140 करोड़ परिवारजनों की बात। पीएम मोदी ने हमेशा जाति-धर्म, पंथ, मजहब से ऊपर उठकर बात की है। सिर्फ बात ही नहीं अपनी विकास नीति में इसे जमीन पर भी उतारा है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत फ्री अनाज जाति, धर्म, पंथ, मजहब देखकर नहीं दिया जा रहा है। पिछले 11 सालों से देश के गरीबों को मुफ्त अनाज बांटा जा रहा है । लेकिन विपक्ष को लगता है कि बीजेपी सिर्फ और सिर्फ हिंदू हित की बात करती है। और अगर विपक्ष ऐसा सोचता है तो इसमें गलत क्या है? 

पाकिस्तान को देख लीजिए जब आजाद हुआ तो उस वक्त पाकिस्तान में  20.5 % हिंदू आबादी थी लेकिन आज 2% से कम आबादी रह गई है। आखिर हिंदू आबादी पाकिस्तान से कहां चली गई। ये सबको पता है कि पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ क्या-क्या जुल्म होता आ रहा है। हिंदुओं की घटती आबादी की वजह क्या है। और अगर ऐसा नहीं होता तो पाकिस्तान से हजारों हिंदू शरणार्थी भारत नहीं आते। ऐसा ही बांग्लादेश में हो रहा है। मुस्लिम बहुल आबादी वाले देश बांग्लादेश में हिंदुओं पर जुल्म किसी से छिपा नहीं है। घर में घुसकर हत्या कर देना। बहू-बेटियों की इज्जत लूटना। मंदिरों पर हमला करना। ये कोई नहीं बात नहीं है। पिछले दिनों बांग्लादेश से आई तस्वीरों ने सबकुछ जगजाहिर कर दिया है। आंदोलन ने नाम पर हिंदुओं पर हमला किया गया। हिंदुओं को यातनाएं दी गई। तब पूरे विश्व में बांग्लादेश में हिंदुओं के नरसंहार की निंदा की गई लेकिन मजाल है कि विपक्ष का किसी नेता का जुबां फड़फड़ा जाए। विपक्ष को भले ही पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे जुल्म नजर नहीं आता हो लेकिन फिलिस्तीन में, गाजा में हो रहे हमले की चिंता जरूर है। और दिक्कत यहीं से शुरू होती है। विपक्ष का सेलेक्टिव सियासत पर सवाल उठाए जा रहे हैं। अब राहुल गांधी को ही ले लीजिए, देश के लिए अभी जातीय जनगणना कितना जरूरी ये कहना मुश्किल है लेकिन 'मिस इंडिया' में कौन जाति तलाशता है? क्या मिस इंडिया प्रतियोगिता में राहुल गांधी आरक्षण चाहते हैं। एडमिशन में  नौकरी में आरक्षण की बात तो समझ में आती है। लेकिन मिस इंडिया में आरक्षण आपके भी गले नहीं उतरेगी। बहरहाल ये सियासत है। सियासत में वोटबैंक को देखकर बयान दिए जाते हैं। चाहे वो बीजेपी हो , कांग्रेस हो या फिर समाजवादी पार्टी। हर सियासी पार्टी को ना तो किसी से मतलब है और ना किसी की फिक्र है। चिंता है तो सिर्फ और सिर्फ वोटबैंक की। ऐसे में 140 करोड़ जनता को अपने बुद्धि और विवेक से काम लेना चाहिए। और देश वासियों को सोचना होगा कि उनके जीवन को कौन बेहतर बना सकता है। जिससे आने वाली पीढ़ी भी सुरक्षित रहे।

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Published By : Sujeet Kumar

पब्लिश्ड 27 August 2024 at 17:37 IST