अपडेटेड 3 February 2023 at 00:14 IST
स्वर्ग जैसी जगहों पर हैं Jammu-Kashmir के यह 4 अद्भुत मंदिर
Jammu-Kashmir के पहाड़ों की चोटियों से निकलते हुए इन 4 शानदार मंदिरों को देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा।
Jammu-Kashmir : बर्फील पहाड़ों (mountains) की खुबसूरती के साथ जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) का समृद्ध इतिहास रहा है। जहां एक से बढ़कर एक आकर्षक मंदिर (temple) भी हैं, हर मंदिर की अपनी पौराणिक कथाएं और मान्यताएं है।
जम्मू-कश्मीर के पहाड़ की चोटियों से निकलते हुए शानदार मंदिरों को देखकर दिल खुश हो उठता है। लाखों भक्त दर्शन करने हर साल मंदिरों में जाते हैं। यह सभी प्राचिन मंदिर जम्मू-कश्मीर को और खास बना देते हैं।
वैष्णो देवी मंदिर
तिरुपति मंदिर के बाद भारत का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला मंदिर वैष्णो देवी मंदिर (Vaishno Devi Temple) है। ऐतिहासिक और प्राचीन खास मंदिरों में से एक यह मंदिर वैष्णो माता रानी को समर्पित है। यह मंदिर सबसे खास इसलिए भी है क्योंकि मंदिर जाने वाले रास्ते में त्रिकुटा पहाड़ी के पास यात्री शिविर है। यह मंदिर पहाड़ों में गुफा के अंदर बना हुआ है। यहां जाने के लिए हेलीकॉप्टर समेत पैदल यात्रा और तीर्थयात्री घोड़े की सवारी का आनंद ले सकते हैं। माता रानी के मंदिर जाने के लिए आपको पहले जम्मू के कटरा पहुंचना होगा। मंदिर सवेरे 5 बजे से दोपहर 12 बजे और फिर शाम 4 बजे से लेकर रात 9 बजे तक दर्शनार्थियों के लिए खुला रहता है।
रणबीरेश्वर मंदिर
जम्मू का रणबीरेश्वर मंदिर (Ranbireshwar Temple) अपने शांत वातावरण और सुंदरता के लिए जाना जाता है। यहां भी हर साल भारी संख्या में भक्त पहुंचते हैं। गौरतलब है कि, मंदिर का निर्माण शिव भक्त राजा रणबीर सिंह द्वारा कराया गया। जिसके पीछे ऐतिहासिक कहानियां बताई जाती है। रणबीरेश्वर मंदिर जम्मू-कश्मीर सिविल सचिवालय के सामने है। यह मंदिर खास इसलिए है क्योंकि यहां स्थित एक सबसे बड़ा शिवलिंग करीब 7 फीट ऊंचा है। इसके अलावा यहां पत्थर से बने एक हजार शिवलिंग स्थापित है। जिससे शिव भक्त यहां आकर आनन्दित हो जाते हैं।
रघुनाथ मंदिर
रघुनाथ मंदिर (Raghunath Temple) जम्मू एयरपोर्ट से ज्यादा दूर नहीं है। यह जम्मू के ठीक बीच में स्थित है और इसे उत्तर भारत का सबसे बड़ा तीर्थ परिसर कहा जाता है। रघुनाथ मंदिर परिसर में 7 मंदिर हैं, जहां हर मंदिर का अपना शिखर है। रघुनाथ मंदिर के प्रमुख देवता भगवान विष्णु के अवतार भगवान राम हैं। बताया जाता है कि रघुनाथ मंदिर का निर्माण कार्य 1835 ईस्वी में महाराजा गुलाब सिंह द्वारा शुरु करवाया गया था। मंदिर का निर्माण कार्य पूरा करवाने के लिए महाराजा गुलाब सिंह के बेटे महाराजा रणबीर सिंह ने 1860 में भी मंदिर का निर्माण जारी रखा।
अमरनाथ मंदिर
अमरनाथ मंदिर (Amarnath Temple) पहलगाम से 29 किमी की दूरी पर करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गुफा के भीतर एक शिव लिंग (बर्फ से बना शिवलिंग) है, जिसे दुनिया भर से लोग देखने आते हैं यह हिंदुओं का सबसे पवित्र स्थान भी माना जाता है। चंदनवारी से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के नाम से भी यह प्रसिद्ध है। इसे 18 महा शक्ति पीठों में से एक और हिंदू धर्म के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। हिंदू धर्म के प्रमुख धामों में से एक यह मंदिर बर्फ की प्राकृतिक रचना से तैयार होता है, जिसे जुलाई और अगस्त के महीने में देखा जा सकता है।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 3 February 2023 at 00:14 IST