अपडेटेड 11 March 2023 at 09:54 IST

Corona और H3N2 के बाद एक और वायरस ने दी दस्तक, 48 हजार साल बाद Zombie फिर हुआ जिंदा

:Corona और H3N2 के बाद एक और वायरस zombie ने दस्तक दी है। यह 48 हजार साल पुराना वायरस है।

PC-Unplash | Image: self

zombie Virus: Corona और H3N2 के बाद एक और वायरस ने दस्तक दी है। यह वायरस 48 हजार साल पुराना बताया जा रहा है। आर्कटिक का गर्म तापमान पर्माफ्रॉस्ट को पिघला रहा है। इसके पिघलने से हजारों सालों से सोए हुए Zombie वायरस के जगने का खतरा बढ़ गया है।

 NASA के जलवायु वैज्ञानिकों ने आर्कटिक क्षेत्र में आइस कैप के नीचे दबे वायरस से उत्पन्न खतरों के बारे में चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़ते तापमान की वजह से आर्कटिक क्षेत्र के पर्माफ्रॉस्ट का हिस्सा, मिट्टी की एक जमी हुई परत के पिघलने का कारण बन रही है।

पर्माफ्रॉस्ट के पिघलने से जिंदा हुआ वायरस 

वैज्ञानिकों ने बताया है कि आर्कटिक का उत्तरी गोलार्ध का पांचवां हिस्सा पर्माफ्रॉस्ट द्वारा कवर किया गया है। यदि पर्माफ्रॉस्ट पूरी तरह से पिघल जाता है Zombie वायरस जो 48,500 वर्षों तक निष्क्रिय पड़े था वो फिर से जाग सकता है और यह वायरस इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी खतरे में डाल सकता है।

Global warming की वजह से पिघल रहा है आर्कटिक

पर्माफ्रॉस्ट में हजारों साल पुराने जीवों के शव और वायरस बचे रह सकते हैं। पर्माफ्रॉस्ट पूरी तरह बर्फ से ढका रहता है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण पृथ्वी के बाकी जगहों की तुलना में आर्कटिक चार गुना तेजी से गर्म हो रहा है जिसकी वजह से पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहे हैं और इसके अंदर मौजूद हजारों साल पुराने वायरस जिंदा हो रहे हैं। इसमे से ही एक वायरस है Zombie जो दोबारा जिंदा हो गया है। वायरस Zombie काफी खतरनाक है अगर यह फैल जाता है तो इंसान और जानवर दोनों ही इसकी चपेट में आ सकते हैं। 

नासा के वैज्ञानिकों ने वायरस की दी जानकारी

नासा के वैज्ञानिकों ने बताया है पर्माफ्रॉस्ट में दबे वायरस हजारों साल से किसी जीव के संपर्क में नहीं आए थे ये दोबारा जिंदा हो रहे वायरस यदि किसी जीव के संपर्क में आते है तो किस तरह रिएक्ट करने यह कहना अभी मुश्किल है। जलवायु वैज्ञानिक किम्बरली माइनर ने बताया कि आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट में बहुत तेजी से बदलाव हो रहे है जो काफी चिंता का विषय है। बर्फ में जमे हुए वायरस का पता लगाने के लिए फ्रांस  के Aix-Marseille University स्कूल ऑफ मेडिसिन में जीनोमिक्स के प्रोफेसर जीन मिशेल क्लेवेरी ने साइबेरियाई पर्माफ्रॉस्ट के लिए पृथ्वी के नमूनों का सैंपल लिया है।

फरवरी में जर्नल वायरस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु वैज्ञानिक किम्बरली और उनकी टीम ने कई वायरस को फिर से जिंदा किया, जो अमीबा कोशिकाओं को इनफेक्ट कर सकता है। इन्होंने पांच नए वायरस की खोज की जो मिट्टी के नीचे से मिले। इनमे से सबसे पुराना 48,500 साल पुराना Zombie वायरस है। मिट्टी की रेडियो कार्बन डेटिंग के आधार पर इनकी उम्र का पता लगाया गया है। 
 

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Published By : Rupam Kumari

पब्लिश्ड 11 March 2023 at 09:54 IST