अपडेटेड 1 December 2022 at 09:12 IST
World AIDS Day 2022: जानिए क्या है इसका इतिहास, महत्व और इस बार की थीम
World AIDS Day 2022: वल्ड एड्स डे लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। जानिए वल्ड एड्स डे का इतिहास और इस साल का थीम।
World AIDS Day 2022: एड्स डे को हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है। एड्स (HIV) ह्यूमन इम्यून डेफिसिएंसी वायरस के संक्रमण से होने वाला रोग है। इस बीमारी को लेकर लोगों में कई तरह के कन्फ्यूजन हैं। बता दें कि वल्ड एड्स डे लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। जानिए वल्ड एड्स डे का इतिहास और इस साल का थीम।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में लगभर 30 प्रतिशत ले ज्यादा लोग एड्स से पीड़ित हैं। वहीं कुछ रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एड्स के कुल मरीजों की संख्या 23.5 लाख है। एड्स के मरीजों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
World AIDS Day की थीम
इस साल वल्ड एड्स डे 2022 की थीम समानता रखी गई है। एड्स से पीड़ित लोगों को समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ता है। ऐसी स्थितियों में, इस साल पीड़ितों के साथ भेदभाव समाप्त करने और उन्हें सम्मान देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
वल्ड एड्स डे का इतिहास (History of World AIDS Day 2022)
वल्ड एड्स डे की कल्पना 1987 में थॉमस नेट्टर और जेम्स डब्ल्यू ने की थी, जिन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन के एड्स ग्लोबल प्रोग्राम में काम किया था। फिर 1988 में 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है।
अगस्त 1983 में, जेम्स डब्ल्यू. बान और थॉमस नेट्टर दोनों ने जिनेवा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक कार्यक्रम में अवधारणा पेश की। डॉक्टरों और लोगों की सहमति के बाद 1 दिसंबर 1988 से यह दिवस मनाया जाने लगा। 'वल्ड एड्स डे' पहली बार 1988 में जेनेवा, स्विट्जरलैंड में जेम्स डब्ल्यू बून और थॉमस नेट्टर द्वारा मनाया गया था।
AIDS के कारण:
एक एचआईवी/एड्स रोगी से दूसरे रोगी को बल्ड सर्कुलर होना
(जैसे- सुई, इंजेक्शन और संबंध बनाना)
एचआईवी संक्रमित मां से स्तनपान कराने पर बच्चे को एचआईवी हो सकता है।
AIDS के लक्षण:
कई हफ्तों तक बुखार रहना
कई हफ्तों तक खांसी रहना
अचानक वजन घटाना
चेहरे में बदलाव लगना
भूख में कमी, खाने की इच्छा में कमी
लगातार दस्त होना
सोते समय पसीना आना
Published By : Priya Gandhi
पब्लिश्ड 1 December 2022 at 09:12 IST