अपडेटेड 20 March 2022 at 10:47 IST
International Happiness Day: बदलते दौर के साथ बढ़ रही है हैप्पीनेस डे की प्रासंगिकता; जानें इसका महत्व
International Day of Happiness 2022: संयुक्त राष्ट्र ने भी कोविड-19 महामारी के चलते इस साल खुशियां फिर से हासिल करने पर जोर दिया है।
International Day of Happiness: कहते हैं सबसे ज्यादा खुशहाल इंसान, सबसे ज्यादा उन्नति करता है। इंसानों में खुशहाली के नए मौकों को तलाशनें के लिए हर साल 20 मार्च को इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे यानी अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस को मनाने के पीछे का उद्देश्य है कि इस दिन को सेलिब्रेट करके लोग जीवन में खुशहाली लाने के नये मौके तलाश सकें।
इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे की स्थापना मूल रूप से 2006 में यूनाइटेड नेशंस न्यू वर्ल्ड ऑर्डर प्रोजेक्ट के सीईओ जेमे इलियन द्वारा की गई थी। इस दिन को मनाने के पीछे मुख्य विचार जनता के बीच खुशी को एक मौलिक मानव अधिकार के रूप में स्थापित करना है। यह पृथ्वी पर मानव जाति की खुशी, स्वतंत्रता और कल्याण का जश्न मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों में से एक है। पहला अंतर्राष्ट्रीय हैप्पीनेस डे 2013 में मनाया गया था और तब से हर साल मनाया जाता है।
इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे की इस साल की थीम
बता दें, इस साल की इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे की थीम 'शांत और समझदार बने रहें और दूसरों के प्रति दया की भावना बनाए रखें' है। इसका मतलब है कि जीवन में चाहे जैसा भी समय हो इंसान को हमेशा शांत और समझदार बने रहना चाहिए। दरअसल, देखा गया है कि जीवन के सबसे अहम पहलुओं में से एक खुशी को हम आज के युग में नजरअंदाज कर रहे हैं। इस समय दुनिया कोविड-19 महामारी से उबरने का प्रयास करने में तो लगी है, लेकिन इसके साथ ही रूस यूक्रेन युद्ध ने भी लोगों को परेशान कर रखा है। ऐसे में इंटरनेशनल हैप्पीनेस डे की प्रासंगिकता और भी बढ़ जाती है।
खुश रहने के कई तरीके हैं। इनमें प्रकृति के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना, कृतज्ञता के भाव पर ध्यान देना, दूसरे के लिए निस्वार्थ भाव से कुछ काम करना, अपने लिए एक नई हॉबी पर काम करना जैसे कई टूल हैं जो खुशियां अर्जित करने के उपकरण के तौर पर उपयोग में लाए जा सकते हैं।
Published By : Munna Kumar
पब्लिश्ड 20 March 2022 at 10:47 IST