अपडेटेड 30 July 2023 at 12:42 IST
Shatavari Plant: हर दुखों की एक दवा, शतावरी का पौधा; जानें इसके रोचक तथ्य और फायदे
हजारों सालों से आयुर्वेद में जड़ी-बूटी के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले शतावरी के पौधे के कई फायदें हैं। आइए जानते हैं ये किन-किन परेशानियों में काम आता है।
Benefits Of Shatavari Plant: आयुर्वेद में कई ऐसी जड़ी-बूटियों का जिक्र मिलता है जिसका इस्तेमाल हजारों सालों से कई सारी बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है। इन्हीं पौधों में एक अनसुना और दुर्लभ नाम शतावरी पौधे का भी है। जो बहुत ही मुश्किल से मिलता है, यही वजह है कि बहुत ही कम लोग है जो इस पौधे के बारे में जानते हैं। आइए जानते हैं इस पौधे से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों और फायदों के बारे में।
स्टोरी में आगे ये पढ़ें.....
- शतावरी पौधे से जुड़े रोचक तथ्य?
- कहां होता है शतावरी का पौधा?
- शतावरी पौधे के फायदे?
शतावरी पौधे से जुड़े रोचक तथ्य?
- शतावरी का पौधा अनसुना और बहुत ही दुर्लभ होता है, लेकिन हजारों सालों से आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है। इसका इस्तेमाल जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता है और इसकी जड़े कई सारी दवाईयां बनाने के काम आती है।
- शतावरी के पौधे के फूल सफेद रंग के बेहद खूबसूरत और अच्छी सुगंध वाले होते हैं।
- बहुत ही कम लोग जानते हैं कि इस पौधे की खेती भी की जाती है। अगर आप इसे घर पर उगाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको लाल दोमेट की चिकनी मिट्टी, काली मिट्टी से लैटेराइट मिट्टी चाहिए होगी।
- शतावरी पौधे की रोपाई जून-जुलाई के महीने में की जाती है।
- अगर आप चाहे तो इसके खेत के अलावा गमले में भी उगा सकते हैं। इसके लिए आपको शतावरी का बीज, मिट्टी, खाद, मिट्टी के लिए गमला और पानी की जरूरत होती है।
कहां होता है शतावरी का पौधा?
शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जो हिमालयी क्षेत्रों में पाई जाती है। शतावरी को एस्पैरागस रेसमोसस भी कहते है। यह बेल या झाड़ के रूप में होती है। इसकी लताएं झाड़ीदार होती है। जो की अच्छे से फैलने वाली होती है।
शतावरी पौधे के फायदे?
बहुत सालों से शतावरी का अलग-अलग तरीके से इस्तेमाल होता आ रहा है। शतावरी के फायदे लेने के लिए आपको शतावरी के आयुर्वेदीय गुण-कर्म, उपयोग के तरीके, उपयोग की मात्रा, एवं विधियों की जानकारी होनी जरूरी है। ये कुछ बीमारियों में बहुत ही काम आती है।
- अनिद्रा रोग
- गर्भवती महिलाओं के लिए
- स्तनों में दूध बढ़ाने के लिए
- शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए
- सेक्सुअल पॉवर (स्टेमना) को बढ़ाने के लिए
- वीर्य दोष को ठीक करने के लिए
- सर्दी-जुकाम के लिए
- गला बैठने (आवाज बैठना) पर
- सांसों के रोग के लिए
- बवासीर के लिए
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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारी के आधार पर हैं। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले संबंधित डॉक्टर और एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 30 July 2023 at 12:41 IST