अपडेटेड 6 March 2023 at 08:57 IST
Nagpur: साफ शौचालयों की कमी से परेशान महिलाएं, शुरू किया ‘Right To Pee’ अभियान
Nagpur: महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या टॉयलेट की ही होती है। देश में आज भी कई जगह शौचालय नहीं हैं, अगर मिल भी जाएं तो वह साफ नहीं होते।
Nagpur: महिलाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या टॉयलेट की ही होती है। देश में आज भी कई जगह शौचालय नहीं हैं, अगर मिल भी जाएं तो वह साफ नहीं होते। यही वजह है कि अब महिलाओं ने खुद मामले को अपने हाथों में ले लिया है और सड़कों पर उतर आई हैं। नागपुर में महिलाएं 'राइट टू पी' (Right To Pee) नामक एक अभियान लेकर आई हैं।
नागपुर सिटीजन फोरम ने रविवार को शहर में सार्वजनिक शौचालयों की संख्या बढ़ाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। ANI के मुताबिक, फोरम की सदस्य और महिला अधिकार कार्यकर्ता स्मिता सिंघलकर ने कहा कि पब्लिक यूरिनल न होने और उनकी कमी के कारण महिलाओं के खिलाफ अपराध होते हैं। साथ ही, गंदे टॉयलेट के चलते बीमारियों का खतरा भी बना रहता है।
शौचालय और इसके कारण महिलाओं के खिलाफ अपराध
सिंघल ने ANI को बताया- “पर्याप्त पब्लिक टॉयलेट की कमी चिंता का विषय है। महिलाओं और लड़कियों को अन्य लोगों के अनुचित या निजी वॉशरूम का मजबूरी में इस्तेमाल करना पड़ता है जिससे उनके साथ बलात्कार या यौन उत्पीड़न जैसे अपराध हो सकते हैं। बाजारों में वॉशरूम की स्थिति बहुत खराब है। सुरक्षा और स्वच्छता के मामले में महिलाओं के लिए एक समस्या है। हमें मॉल, अस्पतालों, रेस्तरां और कॉलेजों से अनुरोध करना होगा कि वे हमें पास के वॉशरूम का इस्तेमाल करने की अनुमति दें।”
उन्होंने यह भी कहा कि “महिलाओं को बेहतर यूरिनल सुविधा देना जरूरी है। यहां तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में मौजूद स्कूलों में भी ठीक-ठाक टॉयलेट नहीं हैं और लड़कियों को दूसरों से उनके टॉयलेट जाने के लिए अनुरोध करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस तरह की लापरवाही से इन लड़कियों के खिलाफ अपराध हो सकते हैं”। मंच ने कुछ साल पहले इस मामले से संबंधित एक जनहित याचिका भी दायर की है, लेकिन उनके मुताबिक, सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की।
ठाणे में आदिवासी महिलाओं का विरोध
आपको बता दें कि पिछले कुछ समय में पब्लिक टॉयलेट की कमी को लेकर तेजी से विरोध किया जा रहा है। दिसंबर 2021 में कुछ आदिवासी महिलाओं ने सड़क पर धरना दिया और एक पब्लिक टॉयलेट को बंद करने का विरोध करते हुए ठाणे नगर निगम के खिलाफ नारेबाजी की। दूर-दराज से आई और ठाणे के बाजार में काम करने वाली बड़ी संख्या में महिलाओं ने विरोध शुरू किया था। इसके बाद तत्कालीन ठाणे महापौर के नेतृत्व में सरकारी अधिकारियों ने विरोधस्थल का दौरा किया और प्रदर्शन के बाद टॉयलेट को फिर से खोल दिया।
Published By : Sakshi Bansal
पब्लिश्ड 6 March 2023 at 08:53 IST