अपडेटेड 25 December 2022 at 10:41 IST

Health Tips : महिलाओं में 'साइलेंट हार्ट अटैक' का खतरा ज्यादा; ऐसे लक्षण दिखें तो सतर्क हो जाएं

हल्का सीने में जकड़न या दर्द शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। कई लोग इसे गैस की समस्या समझ लेते हैं और इसे नजरअंदाज कर देते हैं।

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Health Tips: साइलेंट हार्ट अटैक के बढ़ते मामलों से हर कोई परेशान है। पिछले कुछ दिनों में जिस तरह कई सेलेब्रिटी साइलेंट हार्ट अटैक से अपनी जान गंवा चुके हैं, वह विचारोत्तेजक है। इस प्रक्रिया में मृत्यु के कारणों का पता नहीं चल पाता है कि ये सटीक लक्षण क्या हैं? इसलिए जब भी आप इन लक्षणों का अनुभव करें तो ध्यान रखें। तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। क्‍योंकि ये साइलेंट हार्ट अटैक के लक्षण हो सकते हैं।

'इन' लक्षणों को नजरअंदाज न करें

हल्का सीने में जकड़न या दर्द शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। कई लोग इसे गैस की समस्या समझ लेते हैं और इसे नजरअंदाज कर देते हैं। 10 नवंबर, 2015 को अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में एक अध्ययन प्रकाशित हुआ था। तदनुसार, 45-84 आयु वर्ग के लगभग 2,000 लोगों के एक अध्ययन में पाया गया कि बेसलाइन पर किसी को भी दिल का दौरा नहीं पड़ा।
 
मधुमेह रोगी सावधान रहें

जिन 80 प्रतिशत लोगों पर शोध किया गया, उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि उन्हें किसी तरह का अटैक पड़ा है, क्योंकि यह या तो साइलेंट था या बहुत मामूली था। डायबिटीज के मरीजों में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा होता है। दरअसल, लोग मधुमेह के हल्के लक्षणों और नसों पर इसके प्रभाव पर ध्यान नहीं देते हैं। नतीजतन, नसें धीरे-धीरे इन संकेतों को प्राप्त करना बंद कर देती हैं और समस्या बिगड़ जाती है।
 
महिलाओं को साइलेंट हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा

शोध में पाया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक होता है। कुछ महिलाओं में दर्द सहने की क्षमता अधिक होती है, इसलिए वे छोटे-मोटे दर्द को नजरअंदाज कर देती हैं। बहुत से लोग ऐसे होते हैं जिन्हें हृदय रोग के हल्के लक्षणों के बारे में पता नहीं होता है। यही कारण है कि मामूली सीने में दर्द या कम अवधि के दर्द को नजरअंदाज कर दिया जाता है। यह अपच, या नाराज़गी से शुरू होता है।
 
यदि आप 'इन' लक्षणों का अनुभव करते हैं तो डॉक्टर से परामर्श लें

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि जब किसी को 20-25 मिनट तक पेट के ऊपरी हिस्से या छाती के बीच में तेज दर्द का अनुभव हो तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें। ईसीजी टेस्ट करवाना चाहिए। मधुमेह, मोटापा, उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल, धूम्रपान, जीवनशैली में बदलाव वाले लोगों को इसका खतरा अधिक होता है। यह अनुवांशिक भी हो सकता है।

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Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 25 December 2022 at 10:41 IST