अपडेटेड 24 November 2022 at 12:43 IST

Diabetes से बढ़ता है दिल की बीमारी का खतरा, जानिये कैसे करें इससे बचाव

Diabetes and heart: मधुमेह में, हाई ब्लड प्रेशर ग्लूकोज रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है। मधुमेह दिल के दौरे या हृदय रोग के जोखिम को दोगुना या तिगुना कर देता है।

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Diabetes and heart: डायबिटीज एक ऐसी समस्या है जिसमें आपका ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित नहीं रहता है। यह समस्या शरीर में बनने वाले इन्सुलिन में रुकावट या शरीर में पूरी तरह पर्याप्त इन्सुलिन बनने के कारण होता है। बता दें कि पैंक्रियास में इंसुलिन का उत्पादन होता है। यह इंसुलिन हमारे शरीर में खून में बनने वाले ग्लूकोज या शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करता है।

कितने प्रकार के होते है मधुमेह (डायबिटीज)

टाइप 1 डायबिटीज: (बचपन या किशोर मधुमेह) इसका कोई इलाज नहीं है, इस प्रकार के रोगी को नियमित रूप से इंसुलिन लेने की आवश्यकता होती है।

टाइप 2 डायबिटीज: यह मधुमेह वयस्कों और बच्चों दोनों में हो सकता है। आमतौर पर मोटे लोग इस प्रकार के मधुमेह से प्रभावित होते हैं। वहीं इस प्रकार के मधुमेह को खाने-पीने और दवाई से नियंत्रित किया जा सकता है।

बता दें कि टाइप 2 मधुमेह तब होता है जब रक्त शर्करा का स्तर अचानक बढ़ जाता है, लेकिन इतना अधिक नहीं होता कि मधुमेह का संकेत दे सके।

मधुमेह से हृदय रोग का बढ़ता है खतरा

मधुमेह में, हाई ब्लड प्रेशर ग्लूकोज रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करता है। धीरे-धीरे बढ़ा हुआ ग्लूकोज दिल, आंखों और किडनी को प्रभावित करने लगता है। मधुमेह दिल के दौरे या हृदय रोग के जोखिम को दोगुना या तिगुना कर देता है।

मधुमेह नसों को नुकसान पहुंचाता है और वाहिकाओं में रक्त के प्रवाह को धीमा कर देता है, जिसके परिणामस्वरूप आंखों को नुकसान, गुर्दे को नुकसान, अल्सर या संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है। उच्च रक्तचाप और हाई कोलेस्ट्रॉल धमनियों के लिए खतरनाक हैं, क्योंकि कोलेस्ट्रॉल हृदय की धमनियों में जमा हो जाता है, जिससे ब्लॉकेज और दिल का दौरा पड़ता है। यह एक हृदय रोग है जो पूरी दुनिया में पाया जाता है।

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हार्ट बीट रुकना - दरअसल ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की वजह हार्ट तक पर्याप्त रक्त पंप नहीं होता, जिसकी वजह से हार्ट अटेक जैसी दिक्कत का सामना होता है।

मधुमेह की जटिलताओं से बचने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम मधुमेह की जटिलताओं का शीघ्र निदान और पूर्ण ज्ञान है। विशेषज्ञ चिकित्सक से बात करके निदान के विभिन्न तरीकों को जानना महत्वपूर्ण है। मधुमेह के सटीक निदान के लिए प्रभावी और किफायती परीक्षण उपलब्ध हैं। एक स्वस्थ जीवन शैली का पालन करना महत्वपूर्ण है। स्वस्थ और समय पर भोजन करना, धूम्रपान छोड़ना, नियमित व्यायाम, वजन घटाने के साथ-साथ डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाएं लेने से बहुत फर्क पड़ता है।

नियमित रूप से ब्लड शुगर लेवल की जांच जरूरी

गोलियों या इंजेक्शन के जरिए शरीर में इंसुलिन की मात्रा को नियंत्रित करना जरूरी है। आप अपने डॉक्टर की सलाह से अपनी स्थिति के आधार पर तय कर सकते हैं कि आपके लिए कौन सा तरीका सही है। आपको अपने रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करनी चाहिए। ब्लड शुगर कम होने या बढ़ने पर क्या करना चाहिए, डायबिटीज की दवाओं के क्या साइड इफेक्ट होते हैं, डायबिटीज की दवाएं और अन्य दवाएं एक साथ लेने से क्या असर हो सकता है, इसकी जानकारी प्राप्त कर तदनुसार ध्यान रखना आवश्यक है। मधुमेह के रोगियों को नियमित रूप से अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच करनी चाहिए।

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Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 24 November 2022 at 12:43 IST