अपडेटेड 1 May 2025 at 14:10 IST
"संकल्प सनातन 2025": बस्तर-सुकमा की धरती पर धर्म की हुंकार, पंडित विनायक शर्मा ने नक्सलवाद व धर्मांतरण को दी खुली चुनौती
"संकल्प सनातन" का सबसे साहसिक अध्याय तब लिखा गया जब पंडित विनायक शर्मा ने छत्तीसगढ़ के बस्तर और सुकमा जैसे अत्यंत संवेदनशील इलाकों को चुना।
भारत में सनातन धर्म के पुनर्जागरण का एक ऐतिहासिक अध्याय “संकल्प सनातन 2025” के माध्यम से रचा जा रहा है। इस अभियान के प्रणेता हैं श्री हनुमान चालीसा ‘शाश्वत ज्ञान’ के रचयिता, राष्ट्रनिष्ठ सनातन प्रवक्ता पंडित विनायक शर्मा, जिन्होंने देश के उन सीमावर्ती व संकटग्रस्त क्षेत्रों में धर्मध्वजा फहराई है जहां आजतक कोई जाने का साहस नहीं कर सका।
गुजरात से प्रारंभ, बस्तर-सुकमा तक पहुंचा संकल्प
इस विराट अभियान की शुरुआत गुजरात के आदिवासी बहुल बरुमाल क्षेत्र से हुई, जहां पंडितविनायक शर्मा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत की उपस्थिति में संकल्प का शंखनाद किया। इस अवसर पर गुजरातके मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र भाईपटेल सहित देशभर के संत-महात्मा, धर्माचार्य एवं हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
कार्यक्रम केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, यह एक सांस्कृतिक क्रांति की घोषणा थी- सनातन की चेतना को जन-जन तक पहुंचाने का दृढ़ व सशक्तसंकल्प।
नक्सल क्षेत्र में धर्म की आवाज
"संकल्प सनातन" का सबसे साहसिक अध्याय तब लिखा गया जब पंडित विनायक शर्मा ने छत्तीसगढ़ के बस्तर और सुकमा जैसे अत्यंत संवेदनशील इलाकों को चुना। यह वे क्षेत्र हैं जहां नक्सलवाद, हिंसा और धर्मांतरण वर्षों से गहरे पैठ बनाए हुए हैं।
परंतु, जहां सरकारें, संगठन और संस्थाएं केवल रणनीतियां बनाती रही हैं, वहां पंडित विनायक शर्मा ने स्वयं उपस्थित होकर धर्म की विजय पताका फहराई। उनके आगमन से स्थानीय सनातनी समाज में विश्वास की लहर दौड़ पड़ी। हजारों लोगों ने उनके प्रवचनों में भाग लिया और सनातन के प्रति अपनी निष्ठा को सुदृढ़ किया।
विश्वगुरु भारत का संकल्प
पंडित विनायक शर्मा का उद्देश्य मात्र धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है। वे श्रीराम कथा, श्रीहनुमान कथा एवं भगवान के चरित्रों के माध्यम से सनातन मूल्यों की व्याख्या कर देश और विश्व को उस दिशा में ले जाना चाहते हैं जहां भारत पुनः ‘विश्वगुरु’ के रूप में प्रतिष्ठित हो।
उनका यह प्रयास स्पष्ट संकेत देता है कि धर्मांतरण और नक्सली विचारधारा के विरुद्ध अब केवल नीतियां नहीं, संस्कृति और आध्यात्मिकता की शक्ति से प्रतिकार होगा।
एक जनचेतना, एक क्रांति
"संकल्प सनातन 2025" केवल एक अभियान नहीं, एक जनआंदोलन है- जो धर्म, राष्ट्र और संस्कृति की रक्षा के लिए जन-जन को जाग्रत कर रहा है। पंडित विनायक शर्मा के इस ऐतिहासिक संकल्प ने यह प्रमाणित कर दिया है कि सनातन केवल आस्था नहीं, एक जीवंत चेतना है जो हर चुनौती का सामना करने को तत्पर है।
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Published By : Ruchi Mehra
पब्लिश्ड 1 May 2025 at 13:37 IST