अपडेटेड 4 November 2025 at 20:45 IST
मोटापे के लिए पतंजलि योग अभ्यास-स्वस्थ शरीर और संतुलित जीवन की राह
जीवन में स्वस्थ रहने के लिए आपको लाइफस्टाइल में कई तरह के बदलाव करना थोड़ा जरूरी होता है। इसमें आपकी योग काफी मदद कर सकता है।
आज के भागदौड़ भरे जीवन में मोटापा एक आम समस्या बन गई है। अनियमित खान-पान, तनाव, शारीरिक निष्क्रियता और देर रात तक जागने की आदतें हमारे शरीर के संतुलन को बिगाड़ देती हैं। पतंजलि योग, जो प्राचीन भारतीय परंपरा और आयुर्वेद पर आधारित है, मोटापे से निपटने का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान प्रदान करता है, जो शरीर के साथ-साथ मन को भी संतुलित करता है।
मोटापे की जड़ में छिपा असंतुलन
योग दर्शन के अनुसार मोटापा सिर्फ शरीर में चर्बी बढ़ना नहीं है, बल्कि यह शरीर और मन के असंतुलन का संकेत है। गलत खान-पान, तनाव, और अनुशासन की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। योग इन असंतुलनों को सुधारकर शरीर की आंतरिक क्रियाओं को सक्रिय करता है, पाचन को बेहतर बनाता है और मानसिक शांति प्रदान करता है।
पतंजलि की योग पद्धति
पतंजलि योग का उद्देश्य धीरे-धीरे और नियमित रूप से शरीर को स्वस्थ बनाना है। इसमें आसन, प्राणायाम और ध्यान का संयोजन होता है, जो शरीर को भीतर से संतुलित करता है।
मोटापे के लिए उपयोगी आसन:
- सूर्य नमस्कार: सम्पूर्ण शरीर की एक्सरसाइज जो मेटाबॉलिज्म को तेज करती है।
- त्रिकोणासन: शरीर को लचीला बनाता है और पाचन में मदद करता है।
- भुजंगासन: पेट की मांसपेशियों को टोन करता है।
- पश्चिमोत्तानासन: पेट की चर्बी घटाने में सहायक।
- पवनमुक्तासन: गैस और सूजन की समस्या में लाभकारी।
प्राणायाम जैसे कपालभाति और अनुलोम-विलोम चर्बी जलाने, हार्मोन को संतुलित करने और शरीर में ऑक्सीजन प्रवाह को बढ़ाने में मदद करते हैं।
योग और आहार का संतुलन
पतंजलि के अनुसार योग के साथ सात्त्विक आहार अपनाना बेहद ज़रूरी है। ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और हर्बल पेय से भरपूर भोजन शरीर को पोषण देता है। जंक फूड, अधिक तला-भुना या देर रात का भोजन करने से बचना चाहिए।
मन और शरीर का संबंध
योग सिर्फ शरीर नहीं बल्कि मन को भी अनुशासित करता है। ध्यान और प्राणायाम के माध्यम से व्यक्ति अपने खाने-पीने की आदतों और भावनात्मक कारणों को समझ पाता है जो वजन बढ़ाने में भूमिका निभाते हैं।
पतंजलि योग अभ्यास मोटापे के लिए एक सम्पूर्ण समाधान है जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करता है। नियमित योगाभ्यास, अनुशासित आहार और सकारात्मक सोच के साथ व्यक्ति स्वाभाविक रूप से स्वस्थ, ऊर्जावान और संतुलित जीवन प्राप्त कर सकता है।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 4 November 2025 at 20:45 IST