अपडेटेड 14 May 2025 at 20:42 IST

पतंजलि स्वामी और योग अभ्यास का कला: सम्पूर्ण स्वास्थ्य की ओर मार्ग

पतंजलि स्वामी योग की दुनिया में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने प्राचीन विज्ञान की अद्भुत ज्ञान को अपने जीवन में अपनाया है। उनके शिक्षण इस बात पर जोर देते हैं कि योग केवल शारीरिक मुद्राओं का नाम नहीं है, बल्कि यह एक सम्पूर्ण जीवनशैली है जो मानसिक, आत्मिक और शारीरिक समरसता को विकसित करता है। स्वामीजी का योगाभ्यास (योग अभ्यास) पर दृष्टिकोण अनुशासन, जागरूकता और निरंतरता पर आधारित है, जो साधकों को संतुलित और स्वस्थ जीवन की ओर ले जाता है।

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BABA RAMDEV | Image: Patanjali

पतंजलि स्वामी योग की दुनिया में एक प्रतिष्ठित व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने प्राचीन विज्ञान की अद्भुत ज्ञान को अपने जीवन में अपनाया है। उनके शिक्षण इस बात पर जोर देते हैं कि योग केवल शारीरिक मुद्राओं का नाम नहीं है, बल्कि यह एक सम्पूर्ण जीवनशैली है जो मानसिक, आत्मिक और शारीरिक समरसता को विकसित करता है। स्वामीजी का योगाभ्यास (योग अभ्यास) पर दृष्टिकोण अनुशासन, जागरूकता और निरंतरता पर आधारित है, जो साधकों को संतुलित और स्वस्थ जीवन की ओर ले जाता है।

पतंजलि स्वामी की शिक्षाओं का मूल आधार पतंजलि के योग सूत्र हैं, जो विश्वभर के योगियों के लिए मार्गदर्शक हैं। ये सूत्र आठ योग अंगों—यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि—को विस्तृत करते हैं, जो आत्मज्ञान की यात्रा का क्रमबद्ध मार्ग दिखाते हैं। स्वामीजी इन चरणों के अभ्यास पर बल देते हैं, ताकि धीरे-धीरे इन मोड़ पर पहुंचा जा सके और आंतरिक शांति और जागरूकता हासिल की जा सके। उनका मुख्य फोकस आसन और प्राणायाम पर है, जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का आधार हैं।

स्वामीजी का शिक्षण यह भी है कि योग मानसिक अनुशासन का माध्यम है। आज के तनावपूर्ण और तेज़ जीवन में, योग तनाव कम करने और मानसिक स्पष्टता पाने का एक महत्वपूर्ण उपाय बन गया है। उनका कहना है कि अभ्यास के दौरान जागरूकता और ध्यान केंद्रित करने से चिंता कम होती है और एकाग्रता बढ़ती है। उनकी शिक्षाओं में यह भी बताया गया है कि योग एक आंतरिक यात्रा है, जो आत्म-खोज और आंतरिक शक्ति को बढ़ावा देती है।

इसके अलावा, स्वामीजी का मानना है कि योग अभ्यास हर उम्र और शारीरिक क्षमता के व्यक्ति के लिए उपयुक्त है। वह gentle और निरंतर अभ्यास पर बल देते हैं, ताकि योग एक आरामदायक अनुभव हो और कोई भी इसे आसानी से कर सके। उनका शिक्षण यह भी है कि सही आहार, ध्यान, और नैतिक जीवनशैली का पालन भी योग की पूरी प्रक्रिया का हिस्सा है। इन सभी बातों का संयोजन ही एक स्वस्थ और संतुलित जीवन का स्रोत बनता है।

उनकी शिक्षाओं ने अनेक लोगों को योग को जीवनशैली बनाने के लिए प्रेरित किया है। उनके अनुशासन और सम्पूर्णता पर बल देने से यह स्पष्ट होता है कि योग एक जीवनभर का सफर है जिसमें धैर्य और श्रद्धा जरूरी हैं। उनके मार्गदर्शन में अभ्यास करने से या उनके सिद्धांतों का पालन करने से व्यक्ति अधिक शांत, केंद्रित और स्वस्थ जीवन जी सकता है। अंततः, स्वामीजी का संदेश यह है कि योग आत्म-खोज और समग्र स्वास्थ्य का मार्ग है, जो सभी के लिए खुला है यदि वे इसे ईमानदारी से अपनाएँ।

Published By : Deepak Gupta

पब्लिश्ड 14 May 2025 at 20:42 IST