अपडेटेड 18 July 2025 at 13:37 IST
पतंजलि जैविक सिद्धि -आयुर्वेद में निहित एक हरित क्रांति
पतंजलि जैविक सिद्धि भारत की कृषि प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रही है। यह कार्यक्रम भारतीय पारंपरिक कृषि पद्धतियों को आधुनिक वैज्ञानिक सोच से जोड़कर किसानों को शून्य रसायन आधारित खेती की तरफ ले जाता है।
पतंजलि जैविक सिद्धि भारत की कृषि प्रणाली में एक क्रांतिकारी बदलाव ला रही है जो आयुर्वेद, स्थिरता और पारंपरिक भारतीय ज्ञान पर आधारित है। जैसे-जैसे पूरी दुनिया खाद्य सुरक्षा, मृदा की गिरती गुणवत्ता और कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग को लेकर चिंतित हो रही है, वैसे ही पतंजलि आयुर्वेद ने जैविक सिद्धि की शुरुआत की ताकि प्राकृतिक और रसायन मुक्त फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा सके जो भूमि को भी स्वस्थ बनाए और लोगों को भी पोषण दे।
यह कार्यक्रम भारतीय पारंपरिक कृषि पद्धतियों को आधुनिक वैज्ञानिक सोच से जोड़कर किसानों को शून्य रसायन आधारित खेती की तरफ ले जाता है, जिसमें गो आधारित खाद, पंचगव्य, वर्मी कम्पोस्ट, नीम आधारित जैविक कीटनाशक और सहायक फसलों के उपयोग से मृदा की उर्वरता और पौधों की प्रतिरक्षा को मजबूत किया जाता है। जैविक सिद्धि के अंतर्गत हजारों एकड़ भूमि को जैविक प्रमाणन दिलाया जा चुका है जिससे किसानों को बेहतर मूल्य, स्वास्थ्यपूर्ण कार्य परिवेश और सशक्त विपणन प्रणाली का लाभ मिल रहा है। यहां उत्पादित जैविक अनाज, दालें, फल, सब्जियां और जड़ी-बूटियां पतंजलि के खाद्य और औषधीय उत्पादों में उपयोग की जाती हैं जिससे गुणवत्तायुक्त और शुद्ध उत्पाद उपभोक्ताओं तक पहुंचते हैं।
कार्यक्रम की खास बात
इस कार्यक्रम की खास बात यह है कि यह खेत से लेकर अंतिम उत्पाद तक की पूरी प्रक्रिया को एकीकृत करता है जिससे उपभोक्ताओं को पूर्ण ट्रेसबिलिटी मिलती है। साथ ही, यह कार्यक्रम पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देता है जैसे कि भूजल स्तर का संरक्षण, कार्बन उत्सर्जन में कमी और मृदा कार्बन का पुनर्निर्माण। पतंजलि किसानों के लिए नियमित प्रशिक्षण शिविर, प्रदर्शन खेत और शिक्षा कार्यक्रम आयोजित करता है ताकि वे जैविक खेती के लाभ को समझ सकें और उसमें गर्व महसूस करें। इस पहल की सफलता बेहतर फसल उत्पादन, कम लागत और बेहतर पारिवारिक स्वास्थ्य में स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।
आधुनिक आपूर्ति शृंखला को पारंपरिक खेती से जोड़कर पतंजलि ने एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत किया है जो पूरे भारत में अपनाया जा सकता है। जैसे-जैसे उपभोक्ता साफ-सुथरे, रसायन मुक्त, ट्रैसेबल उत्पादों की ओर झुक रहे हैं, पतंजलि जैविक सिद्धि उन्हें एक भरोसेमंद समाधान प्रदान कर रहा है। यह कार्यक्रम केवल खेती को नहीं बदलता, बल्कि यह भारत को उसकी धरती, प्रकृति और आत्मनिर्भरता से फिर से जोड़ता है। पतंजलि जैविक सिद्धि एक ऐसा आधार स्तंभ है जो भारत को एक स्वस्थ, स्वच्छ और जैविक भविष्य की ओर ले जा रहा है।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 18 July 2025 at 13:37 IST