अपडेटेड 30 November 2025 at 14:50 IST
आयुर्वेद से विज्ञान तक- पतंजलि का आंवला बीज अनुसंधान कैसे बना भारत की वैश्विक उपलब्धि
बीज आधारित वैज्ञानिक शोध की कमी को पतंजलि ने पूरा किया और आंवला बीज की वैज्ञानिक खोज को एक नई ऊंचाई दी।
भारत लंबे समय से पारंपरिक औषधि विज्ञान का केंद्र रहा है। Charak Samhita, Sushruta Samhita और Ashtang Hridyam जैसे ग्रंथों में आंवला के औषधीय गुणों का उल्लेख है, किंतु बीज आधारित वैज्ञानिक शोध कभी बड़े स्तर पर नहीं हुआ। पतंजलि ने इस कमी को पूरा किया और आंवला बीज की वैज्ञानिक खोज को एक नई ऊंचाई दी।
क्यों खास है आंवला बीज?
पतंजलि के शोध के अनुसार, आंवला बीज में omega-3 fatty acids, catechins, linoleic acids, quercetin, phytosterols और essential amino acids मौजूद होते हैं, जो हृदय, मस्तिष्क, त्वचा, पाचन तंत्र और इम्यून सिस्टम के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। बीज के तेल में पाए जाने वाले फाइटोस्टेरॉल्स (Phytosterols) को anti-cancer और hormonal balance के लिए बहुत प्रभावी पाया गया।
आधुनिक वैज्ञानिक परीक्षण विधियां:
परीक्षण प्रकार उपयोग
- HPLC Test पौधों में मौजूद औषधीय तत्वों की पहचान
- GC-MS Test Fatty acid composition अध्ययन
- FTIR Spectroscopy Chemical stability test
- Clinical Trials मानवीय असर और सुरक्षा परीक्षण
Clinical Trial Findings (पतंजलि रिसर्च संस्थान):
- रोग क्षेत्र- प्रभाव
- कोलेस्ट्रॉल / हार्ट हेल्थ- 35% सुधार
- बाल झड़ना- 42% कमी
- डायबिटीज मैनेजमेंट- Blood Sugar Gap 28% तक घटा
- Skin Aging Control- 31% बेहतर परिणाम
Zero-Waste Herbal Farming Model
आंवला गूदे से जूस, बीज से औषधि, छिलके से हर्बल पाउडर- पतंजलि ने इस मॉडल को स्थापित कर Zero Waste Ayurveda Production की शुरुआत की। इससे-
- किसान की आय बढ़ी।
- पर्यावरण का संरक्षण हुआ।
- औषधि उद्योग को नई दिशा मिली।
- निर्यात और अंतरराष्ट्रीय बाजार विस्तार।
- आंवला बीज आधारित उत्पादों की मांग अमेरिका, जर्मनी, ऑस्ट्रेलिया में बढ़ने लगी है, जहाँ इसे “Indian Herbal Superfood Extract” के नाम से बेचा जा रहा है।।
Global Recognition
Award Organization
Herbal Science Breakthrough Harvard Herbal Research Council
Ayurveda Innovation Medal International Ayurveda Congress
Agricultural Transformation Award Ministry of Rural Development
राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव
इस शोध से भारत ने आयुर्वेद को लैब से लेकर ग्लोबल स्टेज तक पहुंचाया। पतंजलि ने दिखाया- "जब विज्ञान और परंपरा हाथ मिलाते हैं, तो राष्ट्र ज्ञान का नेता बनता है।"
Published By : Priyanka Yadav
पब्लिश्ड 30 November 2025 at 14:50 IST