अपडेटेड 29 September 2025 at 14:50 IST

आचार्य बालकृष्ण विश्व रैंकिंग में शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में पुनः सम्मिलित

आचार्य जी की अनुसन्धानीय एवं आयुर्वेदिक कार्यों में गहन विशेषज्ञता एवं उनके गतिशील मार्गदर्शन से प्रेरणा लेकर 300 से अधिक शोध लेखों का प्रकाशन अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल्स में किया गया है।

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acharya balkrishna | Image: Republic

आचार्य बालकृष्ण जी को अमेरिका के प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के शोध समूह और विश्वप्रसिद्ध प्रकाशक एल्सेवियर द्वारा जारी विश्व के शीर्ष 2% वैज्ञानिकों की सूची में पुनः सम्मिलित किया गया है। 

इस उपलब्धि की ऐतिहासिक पुनरावृति, आचार्य बालकृष्ण जी के लिए व्यक्तिगत रूप से ही नहीं, अपितु पतंजलि, आयुर्वेद एवं सम्पूर्ण भारत वर्ष के लिए हर्ष का विषय है। भारत के सनातन ज्ञान को साक्ष्य-आधारित वैज्ञानिक दृष्टिकोण के धरातल पर प्रमाणित कर, आचार्य बालकृष्ण जी ने सिद्ध कर दिया है कि अगर प्रबल इच्छाशक्ति हो तो कोई भी कार्य असंभव नहीं है। उनके द्वारा किए गए शोध कार्य, विश्व भर के वैज्ञानिकों के लिए प्राकृतिक जड़ी-बूटियों से जुड़ें भविष्य के शोध कार्यों के लिए मार्ग प्रशस्त करेंगे। 

आचार्य जी की अनुसन्धानीय एवं आयुर्वेदिक कार्यों में गहन विशेषज्ञता एवं उनके गतिशील मार्गदर्शन से प्रेरणा लेकर 300 से अधिक शोध लेखों का प्रकाशन अंतरराष्ट्रीय रिसर्च जर्नल्स में किया गया है। आचार्य जी के सतत निर्देशन में पतंजलि द्वारा 100 से अधिक साक्ष्य-आधारित आयुर्वेदिक औषधियों को विकसित किया गया है, जिससे जनमानस को आयुर्वेदिक औषधियों का एक सुगम एवं एलोपैथिक दवाइयों का दुष्प्रभाव रहित विकल्प उपलब्ध हुआ है। 

योग और आयुर्वेद पर 120 से अधिक पुस्तकों और 25 से अधिक अप्रकाशित प्राचीन आयुर्वेद पांडुलिपियों का लेखन उनके आयुर्वेद के प्रति आस्था एवं समर्पण का परिणाम है। प्राकृतिक जड़ी-बूटियों को हर्बल एनसाइक्लोपीडिया के माध्यम से सूचीबद्ध कर भविष्य की वैज्ञानिक पीढ़ी को एक समग्र कोष प्रदान करने की उनकी दूरदृष्टि को विश्वभर के वैज्ञानिक समूहों द्वारा सराहा गया है।

विश्व के अनेक देशों की प्रचलित पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों को एक सूत्र में पिरोकर, उत्तराखंड के मालागांव स्थित हर्बल वर्ल्ड के माध्यम से जनमानस के समक्ष प्रस्तुत कर आचार्य जी ने इसे एक ज्ञानवर्धक स्वरुप दिया है, जोकि आगंतुकों के मध्य जागरूकता जगा रहा है।

इस अवसर पर योगऋषि स्वामी रामदेव जी ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण जी ने न केवल आयुर्वेद को वैज्ञानिक प्रमाणों के साथ स्थापित किया है, बल्कि विश्वभर के शोधकर्ताओं के लिए आयुर्वेद में शोध के नए द्वार भी खोले हैं। उन्होंने आगे कहा कि विश्व के शीर्ष वैज्ञानिकों में सम्मिलित किया जाना इस बात का प्रमाण है कि प्राकृतिक जड़ी-बूटियों और सनातन आयुर्वेदिक ज्ञान में अपार संभावनाएं छिपी हैं। स्वामी जी ने इसे भारत की अनुसंधान क्षमता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया।

इस अवसर पर पतंजलि के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. अनुराग वार्ष्णेय ने कहा कि यह हम सबका सौभाग्य है कि हमें आचार्य जी के सानिध्य में कार्य करने का अवसर प्राप्त हुआ है। आयुर्वेद को आधुनिक प्रमाणीकरण के माध्यम से विश्व पटल पर स्थापित करने के अनुकरणीय शोध कार्य एवं उनके समर्पण को हम बारम्बार नमन करते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आचार्य बालकृष्ण जी का यह योगदान हमें प्रेरित करता है कि हम अपने सनातन ज्ञान एवं आधुनिक विज्ञान का समन्वय स्थापित कर स्वस्थ, उज्जवल एवं आत्मनिर्भर भारत की मजबूत आधारशिला का निर्माण करें।

Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 29 September 2025 at 14:50 IST