अपडेटेड 4 January 2023 at 13:08 IST

Zero Rupee Note: भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए भारत में जारी किया गया था '0' रुपये का नोट, जानिए इसके बारे में सबकुछ

बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के मकसद से छापे गए थे। अब आप सोच रहे होंगे कि 0 रुपये के नोट से भ्रष्टाचार को कैसे रोका जा सकता है? आइए आपको बताते हैं क्या था पूरा मामला..

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Image: Twitter/@GP_Me | Image: self

Zero Rupee Note in India: अगर हम आपसे पूछें कि आपने कितने रुपये के नोट देखे हैं, तो हर कोई जवाब देगा - 1, 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500, 1000 और 2000। हालांकि, 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के दौरान 500 और 1000 के नोटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इसके बाद 500 और 2000 के नए नोट चलन में आए। देश में अब तक छपे सबसे अधिक मूल्य के नोट 10,000 के थे। लेकिन क्या आपने कभी 0 रुपये का नोट देखा है। सुनने में आपको यह अजीब लग सकता है लेकिन यह सच है। दरअसल, ये नोट देश में बढ़ते भ्रष्टाचार को रोकने के मकसद से छापे गए थे। अब आप सोच रहे होंगे कि 0 रुपये के नोट से भ्रष्टाचार को कैसे रोका जा सकता है? आइए आपको बताते हैं क्या था पूरा मामला..

भारत में छापा जाता था 0 रुपये का नोट 

भ्रष्टाचार ने देश को खोखला कर दिया है। इसकी जड़ें बहुत मजबूत होती हैं। सभी स्तरों पर अधिकांश लोग भ्रष्टाचार में शामिल हैं। इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि कई क्षेत्रों के विभिन्न विभागों में विभिन्न स्तरों पर कुछ ऐसे लोग हैं जो घूस लेने से नहीं हिचकिचाते। इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए यह अभियान शुरू किया गया था जिसमें 0 रुपये के नोट छापे गए थे।

0 रुपये का नोट किसने छापा?

दरअसल, इस नोट को रिजर्व बैंक ने नहीं बल्कि एक एनजीओ ने छापा था। भारत में एक एनजीओ फिफ्थ पिलर (फिफ्थ पिलर एनजीओ इन इंडिया) द्वारा वर्ष 2007 में जीरो रुपये के नोट छापे गए थे। इन एनजीओ ने इन नोटों को 4 भाषाओं हिंदी, तेलुगु, कन्नड़ और मलयालम में छापा। इस नोट पर लिखा है कि मैं न तो रिश्वत लूंगा और न ही दूंगा और नोट पर करीब 5 लाख लोगों के हस्ताक्षर थे।

0 रुपये के नोट कहां और क्यों बांटे जाएं?

गैर-सरकारी संस्था से जुड़े लोगों ने इन नोटों को बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट और बाजार आदि जगहों पर बांटा और लोगों को एक पैम्फलेट भी दिया, जिस पर उनके अधिकारों और जागरूकता की जानकारी लिखी गई। इन नोटों को छापने का मकसद रिश्वत लेने वालों को सबक सिखाना था। उन्होंने लोगों से कहा कि अगर कोई रिश्वत मांगे तो उन्हें यह नोट उन्हें सौंप देना चाहिए।

यह नोट कैसा दिखता था?

अन्य नोटों की तरह इस नोट पर भी महात्मा गांधी की तस्वीर छपी होती थी। इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए एनजीओ ने इस नोट पर कई स्लोगन भी लिखे थे, जो थे-

  • 'भ्रष्टाचार खत्म'
  • 'कोई रिश्वत मांगे तो यह नोट देकर हमें सूचना दें'
  • 'हम न लेने का संकल्प लेते हैं, न देने का'
  • नोट के नीचे दाईं ओर इस संस्था का फोन नंबर और ईमेल आईडी छपा हुआ था।

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Published By : Priya Gandhi

पब्लिश्ड 4 January 2023 at 13:08 IST