अपडेटेड 25 September 2025 at 23:57 IST
Ladakh Violence: लेह में अचानक क्यों हिंसक हो गया आंदोलन, क्या है विदेशी कनेक्शन, सरकार ने क्या लिया एक्शन? जानिए सब कुछ
Ladakh Violence: गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक के NGO के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। केंद्र सरकार ने सोनम वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। एनजीओ पर आरोप है कि इन्होंने विदेशी फंडिंग से संबंधित कानून का 'बार-बार' उल्लंघन किया है।
Ladakh Violence: केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने समेत अन्य मांगों को लेकर 10 सितंबर 2025 से पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक अनशन पर बैठे थे। इनके साथ कई लोग शांतिपूर्वक धरना-प्रदर्शन कर ले थे।
इस बीच उनके अनशन के 15वें दिन यानी बुधवार को लद्दाख के लेह में हिंसा भड़क गई। शांति वाले आंदोलन से अचानक हिंसा ने सभी को चौंका दिया। कई प्रदर्शनकारी खासकर के जेन जी और युवा हिंसक हो गए और तोड़फोड़ शुरू कर दिए। इस घटना में उपद्रवियों ने भाजपा कार्यालय, लेह स्वायत्त विकास परिषद में तोड़फोड़ कर आग लगा दी। इतना ही नहीं, इन्होंने सुरक्षाकर्मियों के वाहनों में भी तोड़फोड़ की और उन्हें आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में 4 लोगों की मौत और 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। जिले में कर्फ्यू लागू है। वहीं, हिंसा के बाद सोनम ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है।
ये युवा पीढ़ी का भड़ास था। एक तरह से जेन जी क्रांति - सोनम वांगचुक
इस हिंसा का अचानक होना बताया जा रहा है कि कुछ असामाजिक तत्वों के कारण हुआ। हालांकि, सोनम ने अपने एक भाषण में कहा था कि युवा पीढ़ी का भड़ास था। सोनम ने अपने एक वीडियो में बताया कि यहां अनशन पर बैठे दो लोगों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाना पड़ा। इससे लोगों में बहुत रोष जगा।
सोनम ने आगे कहा, " 24 सितंबर को लेह में बंद की घोषणा की गई और फिर युवा पीढ़ी हजारों की संख्या में बाहर आ गए। कुछ लोग सोचते हैं कि ये हमारे समर्थक थे, मैं कहूंगा हमारे समर्थक से ज्यादा ये युवा पीढ़ी का भड़ास था। एक तरह से जेन जी क्रांति, जो कि उनको सड़कों पर लाया।"
हालांकि, सोनम ये यह अपील भी की है कि युवा पीढ़ी हिंसा के रास्ते पर न चलें। उन्होंने कहा - यह मेरे पांच साल की कोशिशों को नाकाम कर देता है। हिंसा हमारा रास्ता नहीं है। सोनम ने कहा, "मैं युवा पीढ़ी से हाथ जोड़कर कहता हूं कि हम शांति के रास्ते ही सरकार से कहें (अपनी बातें/मांगे)।"
क्या है विदेशी कनेक्शन, सरकार ने क्या लिया एक्शन?
गृह मंत्रालय ने सोनम वांगचुक के NGO के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है। केंद्र सरकार ने सोनम वांगचुक के एनजीओ का एफसीआरए रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया है। एनजीओ पर आरोप है कि इन्होंने विदेशी फंडिंग से संबंधित कानून का 'बार-बार' उल्लंघन किया है।
मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के द्वारा सोनम वांगचुक के NGO के खिलाफ यह कार्रवाई हिंसा और प्रदर्शन के 24 घंटे बाद हुई है। वहीं, इससे पहले जांच एजेंसी CBI ने सोनम वांगचुक से जुड़े विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) के कथित उल्लंघन की जांच शुरू कर दी है। विभिन्न मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में जांच शुरू कर दी गई है।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कथित एफसीआरए उल्लंघन के लिए अपने संस्थान पर सीबीआई जांच पर, सोनम वांगचुक ने कहा, "जासूसी गतिविधियों की श्रृंखला में, कल की घटनाएं आखिरी थीं और सारा दोष सोनम वांगचुक पर डाल दिया गया।" “एक दिन बाद (लेह विरोध प्रदर्शन के बाद), भारत के गृह मंत्रालय ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की जिसमें सोनम वांगचुक का नाम लिया गया और उन्हें दोषी ठहराया गया... मुझे सीबीआई जांच के बारे में एक नोटिस मिला था जिसमें कहा गया था कि आपके संगठन को विदेशी धन प्राप्त हुआ, जबकि उसके पास एफसीआरए नहीं था। हमें एफसीआरए नहीं मिला क्योंकि हमें विदेश से धन नहीं चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, “ संयुक्त राष्ट्र की टीम हमारी पैसिव सोलर हीटेड बिल्डिंग को अफगानिस्तान ले जाना चाहती थी, और इसके लिए उन्होंने हमें शुल्क दिया। हमें अपने कृत्रिम ग्लेशियरों के बारे में जानकारी देने के लिए स्विट्जरलैंड और इटली के संगठनों से भी कर सहित शुल्क मिला... हमें आईटी विभाग से समन मिल रहे हैं। जासूसी गतिविधियों की श्रृंखला में, कल की घटनाएं आखिरी थीं और सारा दोष सोनम वांगचुक पर डाल दिया गया।”
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगें
- लद्दाख को राज्य का दर्जा
- लद्दाख को भारतीय संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किया जाए।
- अलग लोक सेवा आयोग की स्थापना
- लद्दाख के लिए दो संसदीय सीटें समेत अन्य मांगे
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 25 September 2025 at 23:57 IST