अपडेटेड 13 November 2023 at 20:19 IST

Bhai Dooj 2023: क्यों मनाया जाता है भाई दूज का त्योहार, क्या है इसका महत्व? जानें टीका करने की सही विधि

Bhai Dooj का पर्व हर साल बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा की इसकी शुरुआत कैसे हुई।

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Kyu Manaya Jata Hai Bhai Dooj image- istock | Image: self

Kyu Manaya Jata Hai Bhai Dooj: भाई-बहन के खट्टे-मीठे, प्यार और विश्वास से भरे रिश्ते के प्रतीक के रूप में दिवाली के दूसरे दिन देशभर में भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। कई जगह इसे यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन बहने भाई की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य और सुख-सौभाग्य के लिए भाई को तिलक लगाती हैं और उनकी आरती उतारती हैं, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा कि इस पर्व की शुरुआत कहां से हुई और इसका महत्व क्या है। नहीं तो चलिए आज इसके बारे में जानते हैं। 

स्टोरी में आगे ये पढ़ें...

  • कब है भाई दूज का पर्व?
  • क्यों मनाया जाता है भाई दूज का पर्व क्या है महत्व?
  • भाई दूज पर टीका करने की सही विधि क्या है?

कब है भाई दूज का पर्व?

हर साल भाई दूज का पर्व शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि में मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 14 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 36 मिनट से शुरू होकर अगर दिन यानी 15 नवंबर दिन बुधवार की दोपहर 1 बजकर 47 मिनट तक है। ऐसे में भाई दूज का पर्व दोनों ही दिन मनाया जा सकता है। 14 नवंबर को द्वितीया तिथि लगने के बाद आप 15 नवंबर को इस तिथि के खत्म होने से पहले तक Bhai Dooj 2023 मना सकती हैं। 

क्यों मनाया जाता है भाई दूज का पर्व क्या है महत्व?

पौराणिक कथा के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमुना जी ने अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाकर तिलक लगाकर उनका सादर-सत्कार किया और तरह-तरह का भोजन कराया। बहन के इस प्यार से यमराज जी प्रसन्न हुए और उन्होंने घर से जाते वक्त बहन यमुना से मनोवांछित वरदान मांगने को कहा। इस पर यमुना ने कहा कि अगर आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएंगे और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे।

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यमुना की प्रार्थना को यमराज ने स्वीकार कर लिया। तभी से इस दिन को भाई दूज के नाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि इस दिन बहनों द्वारा भाई को तिलक लगाने से उन्हें यमुना और यमराज का आशीर्वाद मिलता है, जिससे भाई-बहन को लंबी उम्र और सुखी जीवन का वरदान मिलता है। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 13 November 2023 at 20:19 IST