अपडेटेड 15 July 2025 at 18:40 IST

कौन हैं भारतीय गायिका जिनकी आवाज लाखों किलोमीटर दूर आज भी अंतरिक्ष में गूंज रही है, एलियन भी सुनते हैं वो गीत?

क्या आपको पता है कि भारत की एक ऐसी महिला गायिका है, जिनकी आवाज आज भी सिताडरों के बीच गूंज रही है? आइए जानते हैं कि केसरबाई केरकर कौन हैं।

Follow :  
×

Share


कौन है वह भारतीय सिंगर, जिनकी आवाज सितारों के बीच आज भी गूंज रही है? | Image: Canva

क्या आपको पता है कि भारत की एक ऐसी सिंगर भी है, जिनकी आवाज स्पेस में गूंजती है। एक तरफ भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने 18 दिनों तक आईएसएस पर बिताने के बाद पृथ्वी पर लौट चुके हैं। यह भारत के लिए गर्व की बात है। वहीं भारत की एक ऐसी महिला गायिका हैं, जिनकी आवाज ना सिर्फ स्पेस तक पहुंची बल्कि वहां पर गूंजने रही है। उस महान भारतीय गायिका का नाम केसरबाई केरकर है।

केसरबाई की आवाज केवल धरती तक नहीं, आसमान तक पहुंच गई। उन्होंने एक गीत गाया था, जिसके बाले हैं- 'जात कहां हो'। उनका यह गाना आज सितारों के बीच गूंज रहा है। केसरबाई के इस गाने ने भारतीय संगीत को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। आइए जानते हैं कि केसरबाई कौन हैं और उनका संगीत सितारों के बीच आसमान तक कैसे पहुंचा।

कौन हैं केसरबाई?

केरी गांव के देवदासी परंपरा वाले परिवार में केसरबाई केरकर का जन्म 1892 में हुआ। केसरबाई ने परंपराओं की बेरियों को तोड़ते हुए, अपनी सुरों को अपनी पहचान बना ली। केसरबाई जब 16 साल की थीं, तब उन्होंने शास्त्रीय संगीत की ओर अपने कदम बढ़ाएं और मुंबई में कई गुरुओं से शास्त्रीय संगीत सीखा।

उनके गुरुओं में एक नाम उस्ताद अल्लादिया खान का आता है। उस्ताद अल्लादिया ने पहले तो केसरबाई को सिखाने से मना कर दिया था, लेकिन फिर अपनी कोशिशों के बाद वह उस्ताद अल्लादिया की शिष्या बन गईं। उस्ताद अल्लादिया से सीखते हुए उन्होंने 25 सालों तक रियाज किया। परिणाम यह निकला कि 1938 में रवींद्र नाथ टैगोर ने सुरश्री की उपाधि से सम्मानित किया।

इसके बाद उन्हें पद्म भूषण और संगीत नाटक अकादमी जैसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। केसरबाई का कहना था कि संगीत को महसूस किया जाता है, बेचा नहीं जाता है। आइए जानते हैं कि केसरबाई की आवाज अंतरिक्ष तक कैसे पहुंची।

अंतरिक्ष में गूंज रही केसरबाई की आवाज

NASA ने 1977 में Voyager 1 यान को अंतरिक्ष में भेजा। इसके साथ ही उन्होंने गोल्डन रिकॉर्ड भी भेजा। इस गोल्डन रिकॉर्ड में दुनिया के 27 देशों की सुरीली आवाजें दर्ज थीं। भारत से जो सुरीली आवाज चुनी गई, वह केसरबाई की थी। उनकी राग भैरवी में गाई गई रचना "जात कहां हो" को गोल्डन रिकॉर्ड के लिए चुना गया । इसे रॉबर्ट ई. ब्राउन ने भारत के संगीत की दुनिया का सबसे बेहतरीन गीत माना।

इसे भी पढ़ें: Shubhanshu Shukla: पिता के हाथ में भारत का तिरंगा तो मां की आंखों से छलके आंसू... शुभांशु के धरती पर लैंड करते वक्त लखनऊ में कैसा था माहौल, VIDEO

Published By : Kanak Kumari Jha

पब्लिश्ड 15 July 2025 at 18:40 IST