अपडेटेड 13 September 2023 at 21:36 IST
Types Of Pitra Dosh: कब से शुरू हो रहा है पितृपक्ष? जानें कितने प्रकार के होते हैं पितृ दोष और उपाय
सनातन धर्म में पितृपक्ष का बेहद खास महत्व माना जाता है। जल्द ही पितृपक्ष की शुरुआत होने वाली है, ऐसे में ये जान लेना बेहद जरूर है कि आखिर पितृ दोष कितने प्रकार का होता है।
Kitne Tarah Ke Hote Hai Pitra Dosh: हिंदू धर्म में मान्यता है कि पितृपक्ष में पितरों का तर्पण या श्राद्ध करने से उन्हें खुश किया जा सकता है, जिससे वह अपना आशीर्वाद अपनी संतान पर बनाएं रखते हैं और अगर किसी का विधि विधान से श्राद्ध या तर्पण नहीं किया जाता या कोई गलती हो जाती है, तो लोगों को पितृ दोष का भागी बनना पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में हर साल भादो माह में आने वाले पितृपक्ष में पितरों का तर्पण और श्राद्ध करने का विधान है। आइए जानते हैं ये कब से शुरू हो रहा है और पितृ दोष कितने प्रकार के होते हैं।
स्टोरी में आगे ये पढ़ें.....
- कब से शुरू हो रहा है पितृपक्ष?
- कितने प्रकार के होते हैं पितृ दोष?
- पितृ दोष कम करने के लिए क्या करें?
कब से शुरू हो रहा है पितृपक्ष?
हिंदी पंचांग के मुताबिक इस बार पितृ पक्ष की शुरूआत 29 सितंबर दिन शुक्रवार से होने जा रहा है और इसका समापन 14 अक्टूबर को होगा। पूर्वजों को समर्पित यह विशेष समय आश्विन मास के कृष्ण पक्ष से प्रारंभ होकर अमावस्या तक के 15 दिनों की अवधि पितृ पक्ष अर्थात श्राद्ध पक्ष कहलाती है।
कितने प्रकार के होते हैं पितृ दोष?
शास्त्रों के मुताबिक पितृ दोष आपतौर पर दो प्रकार के होते हैं। पहला सूर्य और दूसरा मंगल ग्रह यही वो ग्रह हैं जिसकी वजह से पितृ दोष के योग बनते हैं। आइए जानते हैं कैसे?
सूर्यकृत पितृ दोष
जिन जातकों की कुंडली में सूर्यकृत पितृ दोष विद्यमान रहता है उनके विचार परिवार के बड़े सदस्यों से मेल नहीं खाते हैं और क्लेश बना रहता है। जिसे सूर्यकृत पितृ दोष कहते हैं।
मंगलकृत पितृ दोष
जिन जातकों की कुंडली में मंगलकृत पितृ दोष विद्यमान रहता है उनके विचार घर परिवार के छोटे सदस्यों से नहीं मिलते हैं और घर मे अशांति बनी रहती है। जिसे मंगलकृत पितृ दोष कहा जाता है।
पितृ दोष कम करने के लिए क्या करें?
- पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पूर्वजों की तस्वीर को दक्षिण दिशा में लगाएं और रोज उसपर फूल माला चढ़ाकर उनके सामने हाथ जोड़े और उनका आशीर्वाद लें।
- जिस दिन पितरों की मृत्यु हुई हो, उस दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान करें।
- पितृ दोष वाले जातक गरीब कन्या का विवाह करने में मदद कर सकते हैं। ऐसा करने पर भी पितृ दोष को कम किया जा सकता है।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 13 September 2023 at 21:36 IST