अपडेटेड 24 June 2024 at 16:35 IST
NEET Paper Leak: नीट पेपर लीक के मास्टर माइंड संजीव मुखिया की कब होगी गिरफ्तारी? उठ रहे सवाल
NEET Paper Leak: यह पहली बार नहीं है जब संजीव मुखिया का किसी पेपर लीक मामले में नाम आया है। साल 2010 से कई एग्जाम के पेपर लीक में मुखिया का नाम आता रहा है।
NEET Paper Leak: पूरे देश में NEET पेपर लीक को लेकर ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है। नीट पेपर लीक को लेकर पूरे देश में CBI, EOU और ATS नेक्सस पर शिकंजा कस रही है। राज्य दर राज्य एक्शन हो रहा है। जांच एजेंसियां इस पूरे काले खेल में शामिल हर किरदार पर शिकंजा कस रही हैं। जिससे पेपर लीक के पीछे का मास्टरमाइंड सामने आ सके। NEET-UG पेपर लीक मामले में मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को माना जा रहा है।
NEET पेपर लीक के किंगपिन और मुख्य सरगना नालंदा के संजीव मुखिया को बचाने के आरोप लग रहे हैं। बिहार पुलिस को संजीव कुमार उर्फ संजीव मुखिया उर्फ लुटन की तलाश है। यह पहली बार नहीं है जब संजीव मुखिया का नाम किसी पेपर लीक के मामले में आया है। साल 2010 से कई एग्जाम के पेपर लीक में मुखिया का नाम आता रहा है। इससे पहले संजीव मुखिया बिहार के सबसे बड़े शिक्षा माफिया माने जाने वाले रंजीत डॉन के साथ काम करता था। इसके बाद उनसे खुद ही अपना गैंग बना लिया। BPSC एग्जाम पेपर लीक में भी संजीव मुखिया का नाम आया था।
कौन बचा रहा संजीव मुखिया को?
आरोप लग रहे हैं कि संजीव मुखिया को राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है। आरोप ये भी है कि उसकी पहुंच सीधे मुख्यमंत्री आवास तक है और CMO में बड़े अधिकारी के साथ संबंध हैं। तीसरे चरण की BPSC शिक्षक भर्ती पेपर लीक के आरोपी होने के बावजूद उसका परिवार खुला घुम रहा है। इस मामले में मुखिया का बेटा डॉक्टर शिव कुमार उर्फ बिट्टू गिरफ्तार हुआ था। संजीव मुखिया की पत्नी ममता देवी 2020 में लोक जन शक्ति पार्टी के टिकट पर चुनाव भी लड़ चुकी है।
चिंटू ने किए बड़े खुलासे
NEET पेपर लीक मामले में बिहार से शुरू हुई जांच के तार अब झारखंड, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा से जुड़ गए हैं। बिहार के पटना से सिकंदर यादवेंदु, अमित आनंद, नीतीश कुमार की गिरफ्तारी के बाद, इस खेल के तार झारखंड के देवघर से जुड़े जहां से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से ही एक आरोपी चिंटू ने कई बड़े खुलासे किए हैं।
चिंटू ने बताया कि 35 छात्रों को सवाल के जवाब याद करवाए गए थे। वाई-फाई प्रिटंर की मदद से प्रश्न-जवाब की कॉपी निकाली। उनके पास पहले बायो फिर फिजिक्स और आखिर में केमेट्री का पेपर आया था। इस जालसाजी को अंजाम देने के लिए फर्जी दस्तावेजों से 5 मोबाइल फोन और सिम कार्ड खरीदे। इन फर्जी नंबरों से छात्रों और अमित-नीतीश से बात की गई थी। पटना से सिकंदर के पकड़े जाने के बाद इन सिमों को तोड़कर फेंक दिया था।
चिंटू तक कैसे पहुंचा पेपर?
चिंटू तक नीट पेपर कैसे पहुंचा, यह सबसे बड़ा सवाल है। यहीं इस खेल में एंट्री होती है रॉकी नाम के व्यक्ति की। रॉकी नवादा का रहने वाला है और रांची में उसका रेस्टोरेंट है। रॉकी ने ही चिंटू कुमार को सवाल-जवाब भेजे थे। रॉकी पर पेपर सप्लाई करने की जिम्मेदारी थी। अतुल वत्स और अंशुल के सीधे संपर्क में रॉकी ही था। झारंखड में EOU अब रॉकी की तलाश में छापेमारी कर रही है। रॉकी ही अंशुल और अतुल तक पहुंचने में सबसे अहम कड़ी का काम करेगा। अतुल वत्स और अंशुल को भी पूरे खेल का किंगपिन बताया जा रहा है।
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Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 24 June 2024 at 16:35 IST