अपडेटेड 5 September 2023 at 10:02 IST
Teachers Day 2023: कब और क्यों मनाया जाता है 'टीचर्स डे', क्या है इसका इतिहास और महत्व?
भारत में आज यानी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। ये दिन गुरुओं को समर्पित होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दिन कब और क्यों मनाया जाता है। इस दिन का इतिहास क्या है?
Kyon Manaya Jata Hai Shikshak Diwas: हमारे जवीन में शिक्षकों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता है। भारत में गुरुओं को भगवान का दर्जा दिया गया है। शिक्षक हमें ज्ञान-अज्ञान से लेकर जिंदगी की कई सारी हकीकतों से रूबरू करवाने और उनसे लड़ने की राह दिखाते हैं। इसलिए उनके महत्व को समझाने और उनके सम्मान को बढ़ाने के लिए साल का ये दिन गुरुओं को समर्पित किया गया है जिसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। आइए जानते हैं ये कब और क्यों मनाया जाता है और इसका क्या महत्व है?
स्टोरी में आगे ये पढ़ें....
- कब मनाया जाता है 'शिक्षक दिवस'?
- कब से और क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?
- 'टीचर्स डे' का क्या है महत्व और इतिहास?
कब मनाया जाता है 'शिक्षक दिवस'?
भारत में हर साल 5 सितंबर का दिन गुरुओं को समर्पित किया गया है। इस दिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन स्कूलों में तरह-तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। वहीं, कई जगहों पर इस दिन स्टूडेंट्स ही टीचर बनकर पढ़ाते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं इसे कब से और क्यों मनाया जाता है, नहीं तो आइए जानते हैं इसके बारे में....
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कब से और क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस?
हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, लेकिन बहुत ही कम लोग हैं जो ये जानते हैं कि इसकी शुरुआत कब से हुई और इस दिन को टीचर्स डे के रुप में क्यों मनाया जाता है। 5 सितंबर को उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म का जन्म हुआ था। ये एक शिक्षक और सुप्रसिद्ध दार्शनिक भी थे। यही वजह कि इस दिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। पहली बार टीचर्स डे सन् 1962 में मनाया गया था और तभी से इस दिन को हर साल सेलिब्रेट किया जाने लगा।
'टीचर्स डे' का क्या है महत्व और इतिहास?
कहा जाता है कि 1962 में जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भारत के दूसरे राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभाला तो उनके छात्र 5 सितंबर को एक विशेष दिन के रूप में मनाने की अनुमति मांगने के लिए उनके पास पहुंचे। जिस पर उन्होंने छात्रों से समाज में शिक्षकों के अमूल्य योगदान को बताने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया। डॉ. राधाकृष्णन ने एक बार कहा था कि "शिक्षकों को देश में सर्वश्रेष्ठ दिमाग वाला होना चाहिए।" जिसके बाद से ही डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिवस को ही शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा।
Published By : Sadhna Mishra
पब्लिश्ड 5 September 2023 at 09:59 IST