अपडेटेड 20 December 2024 at 10:29 IST

उत्तराखंड में सभी मदरसों की जांच, CM ने दिए हैं निर्देश: इसका उद्देश्य क्या, प्वाइंट्स में समझिए

उत्तराखंड में मदरसों की जांच कराने की कार्यवाही कुछ शिकायतों के बाद शुरू हो रही है, जिनमें आरोप लगाए गए कि उत्तराखंड में कुछ मदरसों के अवैध रूप से संचालित हैं।

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uttarakhand madrassa police verification | Image: shutterstock

Uttarakhand News: उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार अब सभी मदरसों की जांच कराने जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने खुद इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं। जिले के अधिकारियों को एक महीने के भीतर पूरी रिपोर्ट सौंपने को भी कह दिया गया है। मदरसों की जांच कराने की कार्यवाही कुछ शिकायतों के बाद शुरू हो रही है, जिनमें आरोप लगाए गए कि उत्तराखंड में कुछ मदरसों के अवैध रूप से संचालित हैं।

उत्तराखंड के पुलिस महानिरीक्षक (अपराध एवं कानून व्यवस्था) नीलेश आनंद भरणे बताते हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय से डीजीपी को निर्देश के बाद मदरसों की जांच का आदेश जारी किया गया है। नीलेश आनंद भरणे कहते हैं कि इन निर्देशों का उद्देश्य अवैध रूप से संचालित मदरसों की पहचान करना, उनके फंडिंग स्रोतों का सत्यापन करना और मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों के वास्तविक विवरण की जानकारी हासिल करना है।

उत्तराखंड में मदरसों की जांच क्यों?

  • सभी मदरसों के पंजीकरण, अवैध और बिना पंजीकरण के संचालित मदरसों की पहचान की कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
  • मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों, खासकर बाहरी राज्यों से लाए गए बच्चों की पहचान सुनिश्चित की जाए।
  • मदरसों को मिलने वाली फंडिंग के स्रोतों का सत्यापन किया जाए।

एक महीने में सभी जिलों को सौंपनी होगी रिपोर्ट

नीलेश आनंद भरणे के मुताबिक, सभी जिलों को एक महीने के भीतर विस्तृत जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। आईजीपी कहते हैं कि इस अभियान का उद्देश्य ये पता लगाना होगा कि मदरसों के पास पंजीकरण और सभी आवश्यक दस्तावेज हैं या नहीं। उसके अलावा इसमें उनके वित्त पोषण के स्रोत और उनमें पढ़ने वाले बच्चों के सत्यापन की भी जांच की जाएगी।

उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत की पढ़ाई

इसके पहले उत्तराखंड के मदरसों में संस्कृत को वैकल्पिक विषय के तौर पर शामिल करने की योजना बनाई गई। हालांकि इस पर अभी विचार चल रहा है। उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ्ती शमून कासमी के मुताबिक, एक प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है और राज्य सरकार की मंजूरी मिलने के बाद ये महत्वपूर्ण कदम हकीकत बन सकता है। उसके अलावा उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स भी 2022 में पदभार संभालने के बाद से आधुनिक मदरसोंकी वकालत करते रहे हैं। उन्होंने धार्मिक शिक्षा को विज्ञान और कंप्यूटर जैसे विषयों के साथ संतुलित करने के महत्व पर जोर दिया।

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Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 20 December 2024 at 10:29 IST